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तमिलनाडु में पसरा मातम का मंजर, विजय की एक झलक ने ली जान

तमिलनाडु के करूर जिले में शनिवार शाम को बड़ा दुखद हादसा हुआ, जिसने पूरे राज्य और देश को झकझोर दिया है। यहां एक राजनीतिक रैली के दौरान मची भगदड़ में अब तक 39 लोगों की जान जा चुकी है और कई लोग घायल हो गए।

तमिलनाडु के करूर जिले में शनिवार शाम को बड़ा दुखद हादसा हुआ, जिसने पूरे राज्य और देश को झकझोर दिया है। यहां एक राजनीतिक रैली के दौरान मची भगदड़ में अब तक 39 लोगों की जान जा चुकी है और कई लोग घायल हो गए। मरने वालों में 17 महिलाएं, 13 पुरुष, 4 बच्चे और 5 बच्चियां शामिल हैं। अभी भी कई लोग अस्पताल में भर्ती हैं आशंका जताई जा रही है कि मरने वालों का आंकड़ा और बढ़ सकता है।

हादसे के बाद घटनास्थल से दिल दहला देने वाली तस्वीरों सामने आईं है। वहीं अस्पताल के बाहर परिजनों का रो रो कर बूरा हाल है। स्वास्थ्य विभाग की जानकारी के मुताबिक, अब तक 39 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 30 शवों का पोस्टमार्टम पूरा कर परिजनों को सौंप दिया गया है। 26 घायलों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है, जबकि 67 लोग अस्पताल में भर्ती हैं, जिनमें दो की हालत नाजुक बताई जा रही है। एक मरीज को गंभीर हालत में मदुरै मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है। करूर जिला कलेक्टर ने बताया कि अब तक 38 मृतकों की पहचान हो चुकी है, एक महिला की पहचान अब तक नहीं हो सकी है।

दरअसल अभिनेता से नेता बने दक्षिण के सुपरस्टार एक्टर थलापति विजय अब राजनीति में उतर चुके हैं। उन्होंने अपनी पार्टी तमिलगा़ वेत्री कझगम यानी टीवीके पार्टी के लक्ष्यों और उद्देश्यों से जनता को रूबरू करवाने के लिए करूर में इस रैली का आयोजन किया था। लेकिन जब विजय मंच पर पहुंचे, तो उनकी झलक पाने के लिए लोग आगे बढ़ने लगे। जिसके बाद भगदड़ मच गई, भीड़ नियंत्रण में नहीं आ सकी, बैरिकेड्स टूट गए, लोग बेकाबू होते गए और अफरातफरी में दर्जनों लोगों की जान चली गई। पुलिस के मुताबिक, उस वक्त मैदान में करीब 50,000 लोग मौजूद थे, जबकि उस जगह की क्षमता इससे कहीं ज्यादा कम थी।

पुलिस और सुरक्षाबलों की ओर से करीब 2,000 जवान तैनात किए गए थे, लेकिन इतनी बड़ी भीड़ को संभाल पाना मुश्किल हो गया। क्योंकि कार्यक्रम तय समय से छह घंटे देरी से शुरू हुआ। विजय के आने की घोषणा सुबह कर दी गई थी, लेकिन वो करीब छह घंटे देर से पहुंचे। इस देरी ने भीड़ की बेचैनी और धक्का-मुक्की को और बढ़ा दिया। अब इस मामले में पुलिस ने टीवीके पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया है। इनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं और तमिलनाडु सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। राज्य सरकार ने हादसे की गंभीरता को देखते हुए जांच आयोग का गठन किया है। जस्टिस अरुणा जगदीशन की अगुवाई में यह आयोग पूरे मामले की विस्तृत जांच करेगा। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इस घटना पर शोक व्यक्त किया और आयोग से जल्द रिपोर्ट मांगी है।

बता दें कि हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे पर दुख जताया है और मृतकों के परिजनों को प्रधानमंत्री राहत कोष से 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है। वहीं टीवीके प्रमुख विजय ने भी हर मृतक के परिवार को 20 लाख रुपये और घायल लोगों को 2 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है। यह हादसा सिर्फ एक प्रशासनिक चूक नहीं, बल्कि भीड़ प्रबंधन की विफलता का गंभीर उदाहरण बन गया है। राजनीतिक रैलियों में सुरक्षा और समय की पाबंदी कितनी अहम होती है, करूर की यह घटना उसकी कड़वी याद दिला रही है।

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