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पुलिस ने अधिवक्ता को बुरी तरह पीटा, मुकदमा दर्ज, ट्रामा सेंटर में चल रहा इलाज

वाराणसी के भेलूपुर थाना क्षेत्र में पुलिस द्वारा एक अधिवक्ता से मारपीट करने का मामला सामने आया। मारपीट में अधिवक्ता बुरी तरह से घायल हो गए। उन्हें इलाज के लिए ट्रामा सेंटर में भर्ती करवाया गया है।

वाराणसी में पुलिस ने अधिवक्ता को पीटा, PC- IANS

वाराणसी : वाराणसी के भेलूपुर थाना क्षेत्र में पुलिस द्वारा एक अधिवक्ता के साथ मारपीट का मामला सामने आया, जिसमें पुलिस ने अधिवक्ता राहगीर को इतनी बुरी तरह पीटा कि वह गंभीर रूप से लहूलुहान हो गया। गंभीर हालत में उन्हें ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराना पड़ा, जहां उनका इलाज चल रहा है।

पीड़ित अधिवक्ता शिवा प्रताप सिंह आईएएनएस को बताया कि वह अपनी पत्नी के साथ लक्ष्मीकुंड मंदिर में दर्शन कर घर लौट रहे थे, तभी पुलिसकर्मियों ने वन-वे रास्ते पर जाने को लेकर उन्हें रोक दिया, जबकि वहां से मोटरसाइकिल जा सकती थी। इस बात को लेकर बहस शुरू हुई, जो देखते ही देखते हिंसक झड़प में बदल गई। पुलिसकर्मियों ने अधिवक्ता को मौके पर ही पीट दिया, जिससे वह लहूलुहान हो गए। गंभीर हालत में उन्हें ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। पूरी घटना शनिवार की रात करीब 8 बजे की है।

शिवा प्रताप सिंह ने आईएएनएस को बताया, "मैं अपनी पत्नी के साथ मंदिर से लौट रहा था, जब पुलिसकर्मियों ने उन्हें वन-वे रास्ते पर रोक लिया। सामान्य पूछताछ के दौरान बहस बढ़ गई, और पुलिसकर्मियों ने मारपीट शुरू कर दी।" अधिवक्ता का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें बेरहमी से पीटा, जिससे उनके सिर और शरीर पर गंभीर चोटें आईं। स्थानीय लोगों ने बीच-बचाव कर उन्हें ट्रॉमा सेंटर पहुंचाया।

अधिवक्ता ने अपने साथ हुई बर्बरता को लेकर न्याय की मांग की है और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा है।

घटना की जानकारी मिलते ही अधिवक्ता संगठनों ने भेलूपुर थाने पर प्रदर्शन शुरू कर दिया और दोषी पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की। संगठनों के दबाव के बाद पुलिस ने देर रात एफआईआर दर्ज की। एफआईआर में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023 की धारा 352 (आपराधिक बल), 115(2) (जानबूझकर चोट पहुंचाना), 109(1) (आपराधिक साजिश), और 324(4) (खतरनाक हथियार से चोट) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

अधिवक्ताओं में इस घटना को लेकर गहरा आक्रोश है। अधिवक्ता संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर दोषियों को सजा नहीं मिली, तो वे आंदोलन तेज करेंगे।