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PM मोदी के प्रस्तावक रहे पद्मविभूषण छन्नूलाल मिश्र को हार्टअटैक, BHU हॉस्पिटल के ICU में एडमिट

शास्त्रीय संगीत के दिग्गज और पद्मविभूषण सम्मानित कलाकार पंडित छन्नूलाल मिश्र की तबियत अचानक बिगड़ गई। उनके सीने में अचानक में दर्द हुआ। उन्हें BHU के अस्पताल म

PM मोदी के प्रस्तावक रहे पद्मविभूषण छन्नूलाल मिश्र को आया हार्ट अटैक
PM मोदी के प्रस्तावक रहे पद्मविभूषण छन्नूलाल मिश्र को आया हार्ट अटैक, PC- @VCofficeBHU

शास्त्रीय संगीत के दिग्गज और पद्मविभूषण सम्मानित कलाकार पंडित छन्नूलाल मिश्र की तबीयत गुरुवार रात अचानक बिगड़ गई। मिर्जापुर स्थित अपनी बेटी प्रो. नम्रता मिश्र के आवास पर रहते हुए उन्हें सीने में तेज दर्द हुआ, जिसके बाद तत्काल रामकृष्ण सेवाश्रम अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें माइनर हार्ट अटैक आया है।

स्थिति को देखते हुए शनिवार रात उन्हें वाराणसी के BHU स्थित सर सुंदरलाल अस्पताल लाया गया, जहां उन्हें सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक के ICU में भर्ती किया गया है।

डॉक्टरों की कड़ी निगरानी, हालत फिलहाल स्थिर

IMS BHU के निदेशक प्रो. एस.एन. संखवार की देखरेख में विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम लगातार उनकी सेहत पर नजर रख रही है। डॉक्टरों के अनुसार, वर्तमान में उनकी स्थिति स्थिर है, लेकिन 89 वर्ष की उम्र और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को देखते हुए सतर्कता बरती जा रही है।

उनकी बेटी नम्रता मिश्र ने बताया कि बीते दिनों शुगर लेवल बढ़ने और हीमोग्लोबिन कम होने के कारण उनकी तबीयत अचानक बिगड़ी और इसी वजह से हार्ट अटैक हुआ।

जनप्रतिनिधियों ने लिया हालचाल

पंडित छन्नूलाल मिश्र की तबीयत बिगड़ने की खबर मिलते ही कई जनप्रतिनिधि उन्हें देखने BHU अस्पताल पहुंचे। MLC धर्मेंद्र राय और सुरेश सिंह ने देर रात अस्पताल पहुंचकर उनका हालचाल लिया। वहीं, चंदौली सांसद वीरेंद्र सिंह और सपा के पदाधिकारी भी उनसे मिलने पहुंचे।

हरिहरपुर से काशी तक का सफर

पंडित छन्नूलाल मिश्र का जन्म 3 अगस्त 1936 को आजमगढ़ के हरिहरपुर गांव में हुआ। उनके दादा गुदई महाराज शांता प्रसाद प्रसिद्ध तबला वादक थे। उन्होंने बचपन में अपने पिता बद्री प्रसाद मिश्र से संगीत की बारीकियां सीखीं।
बाद में उस्ताद अब्दुल गनी खान (किराना घराना) और ठाकुर जयदेव सिंह जैसे गुरुओं से उन्होंने शास्त्रीय संगीत की विधिवत शिक्षा ली।

बिहार के मुजफ्फरपुर में प्रारंभिक संगीत शिक्षा प्राप्त करने के बाद वे करीब चार दशक पहले वाराणसी आ गए और यहीं अपनी संगीत साधना को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।

देश-विदेश में ख्याति, कई सम्मान प्राप्त

खयाल, ठुमरी, भजन, दादरा, कजरी और चैती जैसी विधाओं में महारथ रखने वाले पंडित छन्नूलाल मिश्र को 2000 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, 2010 में पद्मभूषण और 2020 में पद्मविभूषण सम्मान से नवाजा गया। 2014 लोकसभा चुनाव में वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावक भी रहे थे। उनका प्रसिद्ध गीत ‘खेले मसाने में होली’ आज भी लोगों के बीच बेहद लोकप्रिय है।

निजी जीवन में गहरे जख्म, संपत्ति विवाद में घिरे

बीते कुछ वर्षों में पंडित छन्नूलाल मिश्र का निजी जीवन कई त्रासदियों से गुजरा है।

  • 2021 में कोरोना काल में चार दिन के अंतराल पर पत्नी मनोरमा मिश्रा और बड़ी बेटी संगीता मिश्रा का निधन हो गया था।
  • वर्तमान में वे अपनी सबसे छोटी बेटी प्रो. नम्रता मिश्र (केबीपीजी कॉलेज, मिर्जापुर) के साथ रह रहे हैं।
  • शेष बेटियां अनिता और ममता विवाहित हैं, जबकि परिवार में इकलौते भाई रामकुमार के साथ संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा है।