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पीक सड़क पर थूकी या चलती गाड़ी से कचरा फेंका तो करनी पड़ेगी जेब ढीली; जानें, कितना लगेगा जुर्मना?

UP News: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्वच्छता को लेकर एक नई पहल की गई है। अगर कोई शहर में गंदगी करते हुए पाया जाता है तो उस पर जुर्माना लगाया जाएगा।

If spit on road or throw garbage from moving vehicle pay hefty fine in varanasi
पीक सड़क पर थूकी या चलती गाड़ी से कचरा फेंका तो लगेगा जुर्माना। फोटो सोर्स-AI

UP News: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में अब पब्लिक जगहों पर थूकने पर 250 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। शहर में साफ-सफाई और सैनिटेशन को बेहतर बनाने के लिए वाराणसी म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (VMC) ने यह कदम उठाया है।

चलती गाड़ी से कचरा फेंकने पर भी लगेगा फाइन

VMC के पब्लिक रिलेशन्स ऑफिसर संदीप श्रीवास्तव का कहना है कि यह पहल उत्तर प्रदेश सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट एंड सैनिटेशन रूल्स, 2021 के तहत शुरू की गई है। उन्होंने कहा चलती गाड़ी से कचरा फेंकने या थूकने पर 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। सार्वजनिक सड़कों पर आवारा जानवरों के लिए खाना छोड़ने पर भी 250 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि जो प्रॉपर्टी मालिक 24 घंटे से ज्यादा समय तक कचरा रखते हैं या पार्क, सड़कों या डिवाइडर पर कचरा फैलाते हैं, उन पर 500 रुपये का जुर्माना लगेगा। पालतू जानवरों के मालिक जो सार्वजनिक जगहों पर अपने कुत्तों की गंदगी साफ नहीं करते हैं, उन पर भी यही जुर्माना लगाया जाएगा। नदियों, नालों या सीवर में कचरा या जानवरों के अवशेष फेंकने पर 750 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।

बिना ढकी गाड़ियों में कचरा ले जाने या नगर निगम के डिब्बे और गाड़ियों को नुकसान पहुंचाने पर 2,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। PR ऑफिसर ने कहा कि ये नियम PM नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में स्वच्छता मानकों को मजबूत करने के चल रहे प्रयासों का हिस्सा हैं।

PM मोदी का स्वच्छ भारत अभियान

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2 अक्टूबर 2014 को शुरू किया गया स्वच्छ भारत अभियान, पूरे देश में स्वच्छता और साफ-सफाई का एक अभियान है। जिसका मकसद सार्वजनिक स्वच्छता में सुधार करना और भारत में खुले में शौच को खत्म करना है। यह मिशन शौचालय बनाने, कचरा प्रबंधन को बढ़ावा देने पर जोर देता है।

PM मोदी की इस पहल का मकसद भारत को एक स्वच्छ और स्वस्थ देश में बदलना और नागरिक जिम्मेदारी को बढ़ावा देना था। यह पहल स्वास्थ्य, पर्यटन और पर्यावरण के लक्ष्यों को भी सपोर्ट करती है। सामुदायिक भागीदारी, सरकारी प्रयासों और जागरूकता कार्यक्रमों के जरिए स्वच्छ भारत दुनिया के सबसे बड़े स्वच्छता अभियानों में से एक बन गया है।