
Aditi Singh And Prateek Bhushan Rakhi festival celebration: उत्तर प्रदेश विधानसभा के मॉनसून सत्र के पहले दिन राजनीति के तनावपूर्ण माहौल के बीच एक ऐसा दृश्य देखने को मिला, जिसने सदन का माहौल हल्का-फुल्का और भावनात्मक बना दिया। रायबरेली से विधायक अदिति सिंह और गोंडा सदर से विधायक प्रतीक भूषण सिंह के बीच भाई-बहन के रिश्ते का बंधन विधानसभा परिसर में सभी के लिए चर्चा का विषय बन गया।
जब अधिकांश विधायक सत्र की शुरुआत में अपनी-अपनी राजनीतिक रणनीतियों और बहस की तैयारी में जुटे थे, उसी समय रायबरेली सदर से विधायक अदिति सिंह ने प्रतीक भूषण सिंह को अपने भाई के रूप में राखी बांधी। राखी बांधते समय उन्होंने प्रतीक भूषण के मंगल और दीर्घायु की कामना की। इसके बदले में प्रतीक भूषण सिंह ने अदिति सिंह के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। यह दृश्य देखकर उपस्थित विधायक, पत्रकार और विधानसभा कर्मचारी भी कुछ पल के लिए मुस्कुरा उठे।
अदिति सिंह और प्रतीक भूषण सिंह दोनों ही प्रभावशाली राजनीतिक परिवारों से आते हैं। अदिति सिंह पूर्व कांग्रेस विधायक अखिलेश सिंह की बेटी हैं, जिन्होंने रायबरेली की राजनीति में दशकों तक प्रभाव बनाए रखा। वहीं, प्रतीक भूषण सिंह, गोंडा के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री बृज भूषण शरण सिंह के पुत्र हैं, जिनका क्षेत्रीय राजनीति में गहरा प्रभाव है।
दोनों परिवारों के राजनीतिक मार्ग अलग-अलग रहे हैं, लेकिन विधानसभा में इस भाई-बहन के रिश्ते ने साबित किया कि व्यक्तिगत संबंध राजनीति की सीमाओं से परे होते हैं।

मानसून सत्र का पहला दिन आमतौर पर सवाल-जवाब, विरोध और नोकझोंक से भरा होता है, लेकिन इस बार अदिति और प्रतीक के बीच हुए इस भावनात्मक पल ने सदन का वातावरण कुछ देर के लिए सौहार्दपूर्ण बना दिया। यह दृश्य मानो संदेश दे रहा था कि मतभेदों के बीच भी रिश्तों का सम्मान बरकरार रह सकता है।
राखी बंधने के बाद प्रतीक भूषण सिंह ने कहा,“राजनीति में हम सबके विचार भले ही अलग हों, लेकिन रिश्तों और संस्कारों की अपनी अलग जगह होती है। अदिति दीदी का स्नेह मेरे लिए प्रेरणा है।” वहीं, अदिति सिंह ने भी प्रतीक भूषण सिंह को विजयी होने और अपने क्षेत्र की सेवा करने के लिए शुभकामनाएं दीं। “भाई-बहन का रिश्ता विश्वास और संरक्षण का प्रतीक है। विधानसभा में यह बंधन और मजबूत हुआ है।”
सत्र में मौजूद कई विधायकों और मीडिया प्रतिनिधियों ने इसे एक ‘पॉजिटिव न्यूज मोमेंट’ बताया। राजनीतिक गलियारों में चल रहे तनाव और आरोप-प्रत्यारोप के बीच यह घटना मानवीय रिश्तों की गरिमा का प्रतीक बनी। सोशल मीडिया पर भी इस खबर ने तेजी से जगह बनाई और लोगों ने इसे ‘राखी का सबसे खूबसूरत पल’ बताया।
अक्सर कहा जाता है कि राजनीति में रिश्तों के लिए जगह कम रह जाती है, लेकिन अदिति और प्रतीक ने यह साबित कर दिया कि व्यक्तिगत संस्कार और परंपराएं राजनीति के मंच पर भी पूरी शालीनता के साथ निभाई जा सकती हैं। विधानसभा में हुआ यह भावनात्मक क्षण एक मिसाल है कि भारतीय संस्कृति में त्योहार और रिश्ते राजनीति से भी ऊपर हैं।
विधानसभा जैसे लोकतांत्रिक संस्थानों में आमतौर पर कड़ा माहौल होता है, कभी गर्मागर्म बहस, कभी विपक्ष और सरकार के बीच टकराव। ऐसे में जब व्यक्तिगत अपनापन और संस्कारों के पल सामने आते हैं, तो यह न केवल माहौल को मानवीय बनाते हैं बल्कि जनता को भी यह संदेश देते हैं कि हमारे नेता भी व्यक्तिगत जीवन में वही भारतीय परंपराएं निभाते हैं, जो आम लोग निभाते हैं।
राखी, या रक्षाबंधन, भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का पर्व है, जिसमें बहन अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर उसकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती है। बदले में भाई बहन की रक्षा का संकल्प लेता है। विधानसभा में इस परंपरा का निर्वाह केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि संस्कृति की जड़ों से जुड़ा एक सशक्त संदेश था।
Updated on:
11 Aug 2025 11:08 pm
Published on:
11 Aug 2025 11:07 pm


