
Udaipur Hi-Tech Surgery Hub: उदयपुरवासियों को अब घुटनों की गंभीर समस्या का इलाज कराने जयपुर और अहमदाबाद के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। गीतांजली मेडिकल कॉलेज ने अत्याधुनिक वेलीस रोबोटिक असिस्टेड नी-रिप्लेसमेंट सिस्टम के साथ सर्जरी की नई शुरुआत की है।
इससे अनावश्यक रेडिएशन से बचाव होता है। सर्जरी की सटीकता कई गुना बढ़ जाती है। हॉस्पिटल के वरिष्ठ ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. रामावतार सैनी और डॉ. हरप्रीत सिंह के नेतृत्व में डॉक्टरों ने यूएसएफडीए प्रमाणित वेलीस रोबोटिक असिस्टेड नी-रिप्लेसमेंट सिस्टम से सफल सर्जरी की हैं।
चिकित्सकों ने बताया, इस तकनीक की सबसे बड़ी खासियत है कि मरीज को सर्जरी से पहले कोई सीटी स्कैन या एमआरआई नहीं कराना पड़ता। क्योंकि यह पूरी तरह इमेजलेस सिस्टम पर कार्य करती है।
-बिना दर्द और कम कट के साथ पर्सनलाइज्ड सर्जरी
-वेलीस तकनीक रीयल टाइम डेटा का उपयोग कर मरीज की हड्डी, लिगामेंट्स के अनुसार सटीक प्लानिंग करती है
-ऑपरेशन के कुछ घंटे बाद ही मरीज चलने लगता है। मांसपेशियों की कमजोरी न के बराबर रहती है
-तेज रिकवरी व ज्यादा दिन अस्पताल में रहने की जरूरत नहीं
-कम टिश्यू कटिंग और मिनिमल इनवेजन से घाव जल्द भरता है। मरीज जल्द सामान्य हो जाता है
हर नागरिक को राज्य में ही विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सेवा मिले। रोबोटिक सिस्टम का समावेश इसी दिशा में बड़ा कदम है। गीतांजलि में इस सुविधा से बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी। घुटना प्रत्यारोपण के बाद कैंसर, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल व अन्य सर्जरी में भी रोबोटिक तकनीक लागू होगी। उदयपुर मेडिकल टूरिज्म हब बनने की ओर है।
-अंकित अग्रवाल, एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर गीताजंलि ग्रुप
Published on:
18 Nov 2025 01:43 pm

