
उदयपुर. इंदौर-उदयपुर-इंदौर ट्रेन को जब से इंदौर-असारवा-इंदौर किया है तब से बोर्डिंग को लेकर जहां यात्रियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं रेलवे को राजस्व का नुकसान हो रहा है। सीट नहीं मिलने के चलते प्रतिदिन कई यात्री अन्य संसाधनों के माध्यम से यात्रा करने को मजबूर हैं। यह समस्या करीब दो साल पूर्व जब से ट्रेन को असारवा तक बढ़ाया गया है तब से चल रही है।
असारवा से इंदौर चलने वाली ट्रेन संख्या 19316 का चार्ट सुबह करीब 6 बजे बन जाता है। चार्ट बनने के बाद असारवा में करंट बुकिंग खाली दिखाता है। असारवा के बाद इस ट्रेन के अगले बड़े स्टेशन डूंगरपुर और उदयपुर हैं। जो सीटें खाली रह जाती है सिस्टम इन्हें डूंगरपुर और उदयपुर के लिए समय पर बुकिंग का बोर्डिंग शिफ्ट नहीं करता। ऐसे में यहां करंट बुकिंग करवाने वाले यात्रियों को ट्रेन में वेटिंग ही दिखाई देती है। इसी प्रकार इंदौर से असारवा जाने वाली ट्रेन संख्या 19315 में सिस्टम इंदौर से उदयपुर तक सीटें फुल बताता है और असारवा में खाली बताता है।
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अधिकतर यात्री उदयपुर से बैठते हैं
इंदौर-उदयपुर-इंदौर ट्रेन पहले से उदयपुर से चल रही है। ऐसे में इसके अधिकतर यात्री उदयपुर से ही बैठते हैं। जबकि करंट बुकिंग में सीटें फुल बताने से इन यात्रियों का ट्रेन खाली होने के बावजूद लाभ नहीं मिल पाता। सिटी रेलवे स्टेशन और राणा प्रतापनगर रेलवे स्टेशन से प्रतिदिन 50 यात्री सीट नहीं मिलने से लौट रहे हैं।
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ऐनवक्त पर अन्य संसाधनों का जुगाड़
यात्रियों को उदयपुर से सीट नहीं मिलने पर वे ऐनवक्त पर आवागमन के अन्य संसाधनों के बारे में खोजबीन करते देखे जाते हैं। कई लोग बसों, टैक्सी या निजी वाहनों से सफर करने का मजबूर है।
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ट्रेन में सीटे होने के बावजूद वेटिंग
यात्री उमेश मेनारिया ने बताया कि उन्हें व्यवसाय के सिलसिले में आए दिन इंदौर जाना पड़ता है। जब से ट्रेन असारवा से चलने लगी है करंट टिकट की समस्या खड़ी हो गई है। उदयपुर का कोटा कम होने यहां से सीट नहीं मिल पाती। वहीं असारवा से सीटें खाली बताता है। जबकि ट्रेन में सीटे खाली होती है।
रेलवे को सुधारना चाहिए सिस्टम
यात्री सुधीर शर्मा ने बताया कि असारवा से सीट उपलब्ध होने और उदयपुर से नहीं होने की जानकारी जब आरक्षण विंडो के कर्मचारी से लेने पर उचित जवाब नहीं मिल पाया। वहीं कर्मचारी बताते हैं कि सिस्टम में यह व्यवस्था आगे से ही फीड की जाती है। ऐसे में उनके हाथ में कुछ नहीं है।
Published on:
18 Nov 2025 02:18 am

