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Big Action: राजस्थान के इस जिले में गरजी 10 JCB मशीनें, 52 घर ध्वस्त, 110 करोड़ की जमीन अतिक्रमण मुक्त

यूडीए ने सवीनाखेड़ा में बड़ी कार्रवाई कर करीब दो लाख वर्ग फीट सरकारी जमीन अतिक्रमण से मुक्त कराई। भूमिदलालों ने जमीन बेचकर मकान और बाउंड्रीवॉल बना रखी थी। 52 निर्माण ध्वस्त किए गए। भूमि की बाजार कीमत 110 करोड़ रुपए आंकी गई।

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52 घर ध्वस्त (फोटो- पत्रिका)

उदयपुर: राजस्व ग्राम सवीनाखेड़ा में उदयपुर विकास प्राधिकरण ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए करीब दो लाख वर्ग फीट सरकारी जमीन को अतिक्रमण से मुक्त करवाया। भूमि दलालों ने इस जमीन पर अवैध कब्जे कर भूखंड बेच दिए थे, जिन पर लोगों ने मकान, बाउंड्रीवॉल और कोठरियां बना रखी थीं।


कब्जे से मुक्त कराई गई भूमि की बाजार कीमत करीब 110 करोड़ रुपए है। सुबह 11 बजे शुरू हुई यह कार्रवाई शाम 6 बजे तक चली। यूडीए आयुक्त राहुल जैन और सचिव हेमेंद्र नागर के निर्देशन में चली इस कार्रवाई में 10 जेसीबी मशीनें, पुलिस और होमगार्ड का जाप्ता तैनात रहा।


मौके पर मौजूद रहे ये अधिकारी


अभियान में सचिव हेमेंद्र नागर, उपायुक्त सुरेंद्र बी. पाटीदार, तहसीलदार रणजीत सिंह बिठू, डॉ. अभिनव शर्मा, राजस्व निरीक्षक बाबूलाल तेली, राजेंद्र सेन, सूरपाल सिंह सोलंकी, राजेश मेहता, दूलीचंद शर्मा, अभिमन्यु सिंह, विजय नायक, भरत हथाया, पटवारी दीपक जोशी एवं हितेंद्र सिंह तंवर की महत्वपूर्ण भूमिका रही।


150 निर्माण मिले, ज्यादातर में किराएदार


यूडीए टीम के पहुंचते ही इलाके में अफरा-तफरी मच गई। मौके पर 125 से 150 पक्के और कच्चे निर्माण मिले। टीम ने संवेदनशीलता दिखा उन स्थानों को नहीं छुआ, जहां परिवार रह रहे थे, पर जिन जगह केवल बाउंड्रीवॉल या खाली कोठरियां बनी थीं, उन्हें ढहा दिया गया।


दिनभर चली कार्रवाई के दौरान लोगों ने विरोध भी किया। कई खरीददारों ने जमीन के कागज दिखाए। लेकिन वैध दस्तावेज न होने पर अधिकारियों ने निर्माण हटवा दिया। कार्रवाई के बाद देर रात कई प्रभावित लोग शहर विधायक के आवास पहुंचे और अपनी बात रखी। विधायक ने उन्हें उचित समाधान और जांच का आश्वासन देकर शांत किया।


इधर, यूडीए अधिकारियों ने कहा कि सरकारी जमीन पर कब्जा और बिक्री करने वालों पर आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी। मौके पर 100 से ज्यादा पक्के मकानों पर कार्रवाई नहीं की, उनसे जमीनों के कागज मांगे है।


प्रारंभिक जांच में पता चला कि इन मकानों में भी आधे से ज्यादा लोग तो किराएदार रह रहे हैं। मूल कब्जेदार तो अलग जगह है और वे सरकारी जमीन पर मकान बनाकर किराए से कमाई कर रहे हैं। यूडीए अधिकारी भी वहां रहने वाले किराएदारों और मकान मालिकों की कुंडलियां निकाल रही है।


52 निर्माण किए ध्वस्त


प्राधिकरण टीम ने अतिक्रमण की यह कार्रवाई आराजी नंबर 1545 से 1553, 1536, 1538, 1539,1540, 1919,1552 आदि पर करते हुए वहां अतिक्रमण हटाए। इस क्षेत्र में लोगों ने प्राधिकरण भूमि पर अवैध रूप से चारदीवारियां, कमरे, कोठरियां और निर्माणाधीन मकान बना रखे थे।


टीम ने मौके से 52 निर्माण ध्वस्त किए। इनमें कई कमरे और करीब 20 अधूरे मकान शामिल थे। इसके अलावा मौके पर बनी 50 से अधिक बाउंड्रीवाल भी हटाई। कार्रवाई के दौरान लोगों ने विरोध किया, लेकिन दल बल के आगे उनकी एक न चली।


चोरी छिपे निर्माण और बिक्री


प्राधिकरण ने बताया कि इस भूमि पर पूर्व में भी अवैध निर्माण हटाए और लोगों को दोबारा निर्माण नहीं करने की चेतावनी दी। इसके बावजूद कुछ लोगों ने चोरी-छिपे फिर निर्माण शुरू कर दिया।


कार्रवाई के दौरान पूछताछ में यह भी सामने आया कि कुछ भूमिदलालों ने इस सरकारी भूमि को अपनी बताकर सस्ते दामों में आमजन को बेचने की कोशिश की थी। प्राधिकरण ने लोगों से ऐस फर्जी सौदों से बचने की अपील की है।


कार्रवाई जारी रहेगी


भूखंड खरीदते समय दस्तावेज की वैधता अवश्य जांच लें। सरकारी या प्राधिकरण की भूमि पर कब्जा कर बेचने वाले अनधिकृत व्यक्तियों से सावधान रहें। यूडीए की ओर से भविष्य में भी ऐसे सभी अतिक्रमणों पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी। कार्रवाई के दौरान जिस मकान में परिवार रह रहे थे, हमने एक को भी नहीं हटाया, उनसे कागज मांगे हैं।
-राहुल जैन, आयुक्त, उदयपुर विकास प्राधिकरण


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