
टोंक। राजस्थान में वैसे तो कालीबंगा समेत कई प्राचीन सभ्यताओं की खोज हुई है। इनमें 8000 साल पुरानी खेड़ा सभ्यता भी है, जो ईसा से भी पूर्व की है। खेड़ा सभ्यता नगरफोर्ट कस्बे में स्थित है।
खेड़ा सभ्यता के रहस्यों से अभी तक भी पूरी तरह से पर्दा नहीं उठा पाया है। ऐसे में यहां जमीन में दबे मकान लगातार निकल रहे हैं। हाल ही में एक मकान और निकला है, जो उसी समय का है।
नगरफोर्ट तहसील मुख्यालय पर स्थित खेड़ा सभ्यता में इन दिनों हुई अधिक व तेज बरसात के कारण मिट्टी जमीन में धंसने से 8000 साल पुराना ईंटों से बना मकान की दीवार निकल आई। जो आजकल कस्बे में चर्चा का विषय बना हुआ है। पहले भी कई बार इसी तरह की दीवारों के खेड़ा सभ्यता में अवशेष मिले हैं।
लेकिन विभाग की अनदेखी के चलते आए दिन इस तरह के अवशेष मिलने पर सभ्यता पर चोरों की नजर बनी रहती है। कई बार सभ्यता में विलीन सोने-चांदी के सिक्के व अन्य पदार्थ निकालने के लिए चोरों ने सभ्यता में गड्ढे किए हैं। कुछ लोग तो सभ्यता से गड्ढे खोदकर सोने चांदी के आभूषण तक ले गए। इसके बावजूद विभाग और प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है।

नगरफोर्ट में एक सुनियोजित नगर था। जिसके भवनों की आज भी ईंटें निकली है। इन ईंटों को ले जाकर कई लोग खुद के घरों का निर्माण कर चुके हैं। इस सभ्यता को खोजने के लिए सबसे पहले 1942 में खुदाई की गई थी। तब यहां पर दुर्लभ सिक्के मिले। इसलिए इसे संरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया।

इतिहासकारों के अनुसार राजस्थान के टोंक जिले से उत्तर पूर्व में स्थित इस क्षेत्र को नगर या करकोट नगर नाम से जाना जाता है। यह करकोट नगर मालवों की राजधानी हुआ करता था, जो अब देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र में आता है।
कहा जाता है कि दावन व राक्षस यहां के राजा मुचुकुंद के वैभव ईर्ष्या रखते थे, जिसके बाद राजा की बेटी की शादी में कुछ अनिष्ठ होने पर टकराव अथवा प्राकृतिक आपदा की वजह से यह शहर नष्ट हो गया। हालांकि इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है। इस सभ्यता के नष्ट होने के ज्वालामुखी सहित कई प्राकृतिक आपदा के कारण भी हो सकते हैं। कार्लाइल के मुताबिक यह क्षेत्र एक किलेदार प्राचीन शहर रहा है, जो ईसाई युग से भी 100 साल पहले का हो सकता है।
खेड़ा सभ्यता में विभाग की अनदेखी के चलते कई प्राचीन धरोहर आज नष्ट होने के कगार पर है। खेड़ा सभ्यता में प्राचीन धरोहरों की देखरेख करने के लिए एक भी स्थाई कर्मचारी नहीं है। जबकि 2008- 09 में विभाग ने दो कर्मचारी तैनात किए थे।
Published on:
13 Sept 2025 01:14 pm

