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सिर्फ 6 साल में कीं 100 से अधिक फिल्में, खतरनाक स्टंट बनी मौत की वजह, जानें एक्शन हीरो की अनसुनी कहानी

M Krishnan Nair Story: 100 फिल्मों का सफर और एक जानलेवा स्टंट ने मलयालम सिनेमा के पहले एक्शन हीरो की जिंदगी छीन ली। हेलीकॉप्टर से खतरनाक स्टंट करते समय हादसा हो गया, जसमें उनकी जान चली गई।

मुंबई

Saurabh Mall

Nov 18, 2025

malayalam actor jayan
100 फिल्मों का सफर और एक जानलेवा स्टंट। प्रतीकात्मक फोटो (सोर्स: पत्रिका)

Malayalam First Action Hero Story: आज हम आपको एक ऐसे स्टार की कहानी बताएंगे, जिसे पढ़ने के बाद आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। वो स्टार, जिसका करियर तेजी से तो उठा, लेकिन जिंदगी ने साथ नहीं दिया। जी हां, ये कहानी है मलयालम सिनेमा के पहले एक्शन हीरो जयन की।

जयन नहीं था असली नाम

जयन का असली नाम था एम. कृष्णन नायर। उनका जन्म 25 जुलाई 1939 को केरल के कोल्लम जिले में हुआ। बचपन से ही पढ़ाई, खेल और गाने, तीनों में वे बेहद प्रतिभाशाली थे। स्कूल में ही उनकी अलग छवि देखने को मिली। वे NCC के बेस्ट कैडेट बने। इसी उपलब्धि ने उनका रास्ता भारतीय नौसेना के लिए खोल दिया। जयन ने पूरे 15 साल तक नौसेना में सेवा की और मास्टर चीफ पेटी ऑफिसर के पद तक पहुंचें। लेकिन उन्हें तो कुछ और ही मंजूर था।

एक्टर जयन की तस्वीर (इमेज सोर्स: पत्रिका डॉट कॉम)

ऑफिसर पद छोड़ की नई पारी की शुरुआत

जयन ने साल 1974 में फिल्म ‘शापमोक्षम’ से शुरुआत की। शुरुआत में उन्हें छोटे-छोटे रोल मिले, पर उनका अंदाज अलग था, मजबूत कद-काठी, दमदार आवाज और एक्शन करने का अनोखा आत्मविश्वास। 1976 में आई ‘पंचमी’ ने उन्हें दर्शकों के दिल में जगह दिलाई। देखते ही देखते सिर्फ 6 साल में उन्होंने 100 से ज्यादा फिल्में कर डालीं।

जयन की सबसे बड़ी खूबी; ‘एक्शन हीरो’ बनने के पीछे की कहानी

जयन की सबसे बड़ी खूबी थी कि वो अपने स्टंट खुद करते थे। उन्हें लगता था कि अगर खतरा है तो वो खुद लें, किसी स्टंटमैन को क्यों जोखिम में डालें। यही जोखिम उठाने वाला रवैया उन्हें असली ‘एक्शन हीरो’ बनाता था। 1979 की फिल्म ‘सरपंचरम’ में उनके एंटी-हीरो वाले रूप ने मलयालम सिनेमा में एक्शन की नई पहचान दी। 1980 तो मानो उनकी फिल्मों का सुनहरा साल था। उन्होंने एक से बढ़कर एक हिट फिल्मे दी। इनमें ‘अंगड़ी’, ‘मीन’, ‘करिंबना’, ‘लव इन सिंगापुर’ जैसी फिल्में शामिल थी।

एक्टर अंत खतरनाक

16 नवंबर 1980 का वो दिन, फिल्म कोलिलाक्कम के क्लाइमैक्स की शूटिंग हो रही थी। सीन था बेहद खतरनाक और जयन को बाइक से छलांग लगाकर उड़ते हुए हेलीकॉप्टर के लैंडिंग स्किड पर लटकना था और वहीं लड़ाई करनी थी। पहला टेक अच्छा हुआ, सब खुश थे। लेकिन जयन परफेक्शनिस्ट थे, उन्होंने रीटेक मांगा। यही फैसला उनकी जिंदगी का आखिरी फैसला साबित हुआ। दूसरे टेक में हेलीकॉप्टर का बैलेंस बिगड़ गया और वह नीचे जा गिरा। जयन गंभीर रूप से घायल हुए। अस्पताल ले जाया गया, पर उन्हें बचाया नहीं जा सका।

जयन सिर्फ छह साल में स्टारडम के शिखर पर पहुंचे और एक स्टंट की वजह से दुनिया छोड़ गए। लेकिन उनका साहस, उनका स्टाइल और उनका अनोखा एक्शन, आज भी मलयालम सिनेमा के इतिहास में चमकता है।