
Orchha Fort Complex Transformation: मध्य प्रदेश के विश्व प्रसिद्ध पर्यटन नगरी ओरछा के किला परिसर को खजुराहो के ग्रुप ऑफ टेंपल (khajuraho Group of Temples) की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। इसके लिए प्रशासन ने किला परिसर के अंदर स्थित 13.378 हेक्टेयर जमीन को अधिग्रहित करने की प्रक्रिया शुरु कर दी है। किला परिसर की यह जमीन 48 खातेदारों के नाम पर है। यह जमीन पर्यटन विभाग को दी जाएगी और पर्यटन विभाग (MP Tourism) यहां पर विकास कार्य के साथ ही यहां के स्मारकों का संरक्षण करेगा।
श्रीराम राजा लोक के साथ ही अब पर्यटन नगरी को और भी बेहतर करने की दिशा में काम किया जा रहा है। ऐसे में पर्यटन विभाग अब ओरछा के राजमहल और जहांगीर महल के पूरे परिसर को सुरक्षित और संरक्षित करेगा। इस परिसर की 13.278 हेक्टेयर जमीन पर वर्तमान में किसान खेती करते है। इन सभी को राजशाही दौर में ही यह जमीन दी गई थी और वर्तमान में इस पर इनका मालिकाना हक है।
विदित हो कि राजमहल परिसर के साथ ही ओरछा में तैयार किए जा रहे तीन संग्राहल, राजमहल में लाइट एंड साउड शो के लिए डालमिया ग्रुप ने टेंडर डाला था और उसे पास कर दिया गया है। साथ ही ग्रुप की डायरेक्टर यहां पर भ्रमण कर पूरे परिसर को देख भी चुकी है। बताया जा रहा है कि इसी कड़ी में अब इस पूरे परिसर को विकसित करने की योजना पर काम किया जा रहा है।
यहां पर विभाग बड़े और आकर्षक गार्डन तैयार करेगा। साथ ही इन सभी 11 स्मारकों को पाथ-वे के माध्यम से आपस में जोड़ा जाएगा। ताकि यहां पर आने वाले पर्यटक इस पूरे मार्ग से इन स्मारकों का भ्रमण कर उन्हें देख सके। उपयंत्री दीक्षित ने बताया कि पर्यटन विभाग की योजना है कि अब पूरे किला परिसर को संरक्षित किया जाए, ताकि लगभग 25 एकड़ का यह पूरा परिसर पूरी तरह से पर्यटन का केंद्र बन जाए। ऐसे में प्रशासन ने इसे अधिग्रहित करने की दिशा में काम शुरु कर दिया है। प्रशासन इसकी सूचना भी जारी कर चुका है।
पर्यटन विभाग के उपयंत्री पीयूष दीक्षित ने बताया कि इस परिसर में 8 प्राचीन और बड़े ही सुंदर मंदिर है। इसमें शिव मंदिर, पंचमुखी महादेव मंदिर, तीन छोटे शिव मंदिर, राधिका बिहारी मंदिर, वनवासी राम मंदिर, वनवासी राम मंदिर की धर्मशाला, सिद्ध बाबा की गुफा एवं तीन दासियों का महल है। यह स्मारक वर्तमान में किसानों के खेतों के बीच में स्थित है। कुछ मंदिरों में तो किसानों ने अपना सामान रखना शुरु कर दिया है। विभाग ने अब इन सभी मंदिरों एवं महलों के रखरखाव के साथ ही पर्यटकों के घूमने के लिए उपयुक्त बनाने का निर्णय लिया है।
Published on:
02 Nov 2025 09:53 am

