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निरस्त हुआ सिविल अस्पताल का निर्माण कार्य, जनप्रतिनिधि और विभाग तीन साल में भी नहीं दिला पाए जमीन

11 करोड़ की लागत वाली परियोजना अधर में, ठेकेदार ने किया मना 4 लाख रुपए फं से टीकमगढ़ जतारा में प्रस्तावित 11 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाला सिविल अस्पताल अब आधिकारिक रूप से निरस्त हो गया है। तीन वर्षों तक विभाग और स्थानीय जनप्रतिनिधि उपयुक्त जमीन उपलब्ध नहीं करा सके। जिसके कारण परियोजना […]

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प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की लापरवाही उजागर

प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की लापरवाही उजागर

11 करोड़ की लागत वाली परियोजना अधर में, ठेकेदार ने किया मना 4 लाख रुपए फं से

टीकमगढ़ जतारा में प्रस्तावित 11 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाला सिविल अस्पताल अब आधिकारिक रूप से निरस्त हो गया है। तीन वर्षों तक विभाग और स्थानीय जनप्रतिनिधि उपयुक्त जमीन उपलब्ध नहीं करा सके। जिसके कारण परियोजना पूरी तरह ठप पड़ गई है।

जानकारी के अनुसार जिस स्थान पर प्रशासन ने सिविल अस्पताल के लिए प्रारंभिक जमीन आवंटित की थी। वहां खुदाई के दौरान मिट्टी में अत्यधिक रेत और पानी पाया गया। तकनीकी तौर पर जमीन अस्पताल जैसी भारी संरचना के लिए पूरी तरह अनुपयुक्त निकली। इस स्थिति में ठेकेदार ने सुरक्षा जोखिम बताते हुए काम करने से सीधे इनकार कर दिया। सूत्रों से खबर है कि यह भवन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के पास बनाया जाएगा, लेकिन ऐसा कोई विभागीय दावा नहीं है।

ठेकेदार के 4 लाख रुपए फं से

सिविल अस्पताल का निर्माण कार्य ठेकेदार ने शुरू कर दिया था। वह शुरुआती तैयारी और मशीनरी के साथ अन्य कार्यों में करीब 4 लाख रुपए खर्च कर चुका था। जमीन अनुपयोगी निकलने के बाद न निर्माण आगे बढ़ पाया और न ही ठेकेदार का खर्च वापस मिल सका।

प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की लापरवाही उजागर

बताया गया कि पहली जमीन निरस्त होने के बाद विभाग और जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी थी कि वे जल्द से जल्द वैकल्पिक स्थान चिह्नित करे, लेकिन तीन वर्षों में भी कोई नई जमीन तय नहीं हो सकी। कागजों में कई प्रस्ताव आए, लेकिन सभी या तो विवादित रहे या नियमों के अनुरूप नहीं थे।

अस्पताल की उम्मीदों पर पानी

सिविल अस्पताल की मंजूरी मिलने के बाद जतारा के लोग बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन परियोजना निरस्त होने से यह सपना फि र अधूरा रह गया है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि अगर प्रशासन और जनप्रतिनिधि गंभीर होते, तो अस्पताल आज बन कर तैयार हो जाता है।

परियोजना दोबारा कब शुरू होगी स्पष्ट नहीं

फि लहाल विभाग ने यह स्पष्ट कर दिया है कि नई जमीन मिलने तक अस्पताल निर्माण का काम आगे नहीं बढ़ सकता। परियोजना को पुन: स्वीकृति दिलाने में भी लंबा समय लग सकता है। इसके लिए आज भी भूमि चयन नहीं हो पाई है। जिसके कारण क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

ठेकेदार ने काम करने के लिए किया मना

एमपीबीडीसी योजना के तहत 11 करोड का सिविल अस्पताल वर्ष २०२२ में स्वीकृत हुआ था। इसका निर्माण कार्य शुरू हुआ, लेकिन नीचे खुदाई के दौरान रेत निकली। इस कारण नींव कमजोर हो रहा थी। ठेकेदार ने इस स्थान के बदले दूसरे स्थान पर जमीन देने और यह टेंडर निरस्त करने के लिए विभाग को पत्र दिया है। मामले को लेकर बीएमओ डॉ अंकित साहू से पक्ष जानना चाहा, लेकिन उनके द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया।

नगर में सिविल अस्पताल का निर्माण शुरू हो गया था। लेकिन वहां की जमीन कमजोर है। इनका कार्य ठेकेदार द्वारा किया जा रहा था। इस परियोजना का निर्माण काय बंद है। दूसरी जगह सिविल अस्पताल की जमीन के लिए अभी कोई पत्र नहीं आया है।

नितिन गौड, तहसीलदार, जतारा।