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‘राहुल गांधी ने दी थी मशीन…अब बेकार है, अगर हमारी याद…’ कैंसर से जूझ रहे दलित ने बयां किया दर्द

Rahul Gandhi News: 'राहुल गांधी ने दी थी मशीन...अब बेकार है', कैंसर से जूझ रहे दलित ने अपना दर्द बयां किया। साथ ही उन्होंने मदद मदद मांगी है।

machine given by rahul gandhi stopped working shoemaker battling cancer asked for help
राहुल गांधी द्वारा दी गई मशीन बंद, कैंसर से जूझ रहे मोची ने बयां किया दर्द। फोटो सोर्स-पत्रिका न्यूज

Rahul Gandhi News: यूपी के सुल्तानपुर के ढेसरुवा गांव के दलित मोची रामचैत उस समय सुर्खियों में आए थे, जब कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने उनको जूता बनाने वाली मशीन उपहार में दी थी। रामचैत कैंसर से पीड़ित हैं और इसी वजह से उनका कारोबार प्रभावित हो रहा है।

बेटे ने राहुल गांधी से मांगी मदद

कांग्रेस नेता राहुल गांधी से रामचैत के बेटे ने बड़े शहर में उचित इलाज के लिए अपील की है। उन्‍होंने आर्थिक मदद का भी आग्रह किया है। राहुल गांधी ने साल 2023 में सुल्‍तानपुर क्षेत्र में जनसंपर्क अभियान के दौरान, ढेसरुवा गांव के 58 साल के दलित मोची रामचैत को जूता बनाने की मशीन भेंट की थी। इस उपहार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आत्मनिर्भरता का एक प्रमुख उदाहरण बताया। जिसका मकसद आर्थिक तंगी से जूझ रहे पारंपरिक कारीगरों की आजीविका को मजबूत करना था।

'मशीन… अब बेकार है, हर तरफ दर्द है'

वहीं, आज राहुल गांधी द्वारा दी गई मशीन रामचैत की साधारण झोपड़ी के एक कोने में धूल से ढकी है। रामचैत के 28 साल के बेटे और परिवार के एकमात्र कमाने वाले राघव मोची ने कहा कि मशीन का एक अच्छा विचार था, लेकिन यह कभी कारगर नहीं हुई। वहीं रामचैत ने कहा, "मशीन… अब बेकार है। हर तरफ दर्द है। अगर राहुल जी को हमारी याद आ जाए, तो अस्पताल के लिए बस थोड़ी मदद कर दीजिए।"

मोची के बेटे राघव ने मांगी आर्थिक मदद

बता दें कि राघव की मामूली दिहाड़ी पर गुजारा करने वाला यह परिवार कंगाली के कगार पर है। उनका कहना है कि वह 200-300 रुपए से ज्‍यादा नहीं कमा पाते हैं। राहुल गांधी से राघव ने आर्थिक मदद की गुहार लगाई है।

कांग्रेस प्रतिनिधियों का जवाब नहीं आया

वहीं, ग्राम प्रधान अरशद का कहना है कि रामचैत का मामला दुखद है। उसे उचित इलाज की जरूरत है। शायद दिल्ली या मुंबई में सुविधाएं बेहतर मिल जाएंगी। उन्होंने कहा कि हमने स्थानीय कांग्रेस प्रतिनिधियों को पत्र लिखा है, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया है।