श्रीगंगानगर.150 रुपए में दो वक्त पौष्टिक आहार कैसे मिलेगा? बिना पौष्टिक भोजन के कोई खिलाड़ी पदक कैसे जीतेगा? यही सवाल आज राजस्थान के स्कूली खिलाडिय़ों के सामने बड़ी चुनौती है। राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले स्कूली खिलाडिय़ों को प्रतिदिन सिर्फ 150 रुपए का भोजन भत्ता मिलता है, जो वर्ष 2019 से अब तक नहीं बढ़ा। जबकि अन्य राज्यों में यही राशि 500 रुपए प्रतिदिन तक पहुंच चुकी है। ओपन प्रतियोगिताओं में एक खिलाड़ी को 600 रुपए प्रतिदिन दिए जाते हैं। पड़ोसी राज्य हरियाणा और पंजाब अपने खिलाडिय़ों पर जमकर खर्च कर रहे हैं, जिसका नतीजा यह है कि अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में वहां के खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।
सीमित सुविधा, बढ़ती परेशानी
राज्य स्तरीय खिलाडिय़ों को गणवेश भत्ता 1000 रुपए, जबकि जिला स्तर पर 500 रुपए स्कूल से और 500 रुपए स्वयं देने पड़ते हैं। राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचने वाले खिलाडिय़ों को 1500 रुपए ड्रेस और 350 रुपए दैनिक भत्ते के रूप में मिलते हैं, लेकिन यह सुविधा कुछ चुनिंदा खिलाडिय़ों तक ही सिमटी हुई है। खिलाड़ी प्रकाश का कहना है च्राजस्थान में खेल प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं, बस जरूरत है आर्थिक संबल और सम्मान देने की।
तथ्य एक नजर में
मद राशि (रुपए में) स्थिति
जिला व राज्य स्तरीय स्कूली खिलाड़ी भोजन भत्ता 150 प्रति दिन 6 साल से अपरिवर्तित
ओपन प्रतियोगिता खिलाड़ी भत्ता 600 प्रति दिन लागू
गणवेश भत्ता (राज्य स्तरीय) 1000 -
गणवेश भत्ता (राष्ट्रीय स्तर) 1500 -
अन्य राज्यों में भोजन भत्ता 500 प्रति दिन राजस्थान की तुलना में 3 गुना अधिक
ताकि खिलाडिय़ों को उचित सुविधा मिल सके
कई खिलाड़ी आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों से आते हैं और अपने खर्चे खुद नहीं उठा पाते। खिलाड़ी पौष्टिक भोजन और यात्रा सुविधा के लिए संघर्ष कर रहे हैं। मामूली राशि में दो वक्त का भोजन जुटाना भी मुश्किल है। शिक्षा विभाग के पास खेलों के लिए पर्याप्त बजट नहीं है।राकेश सिहाग, जिलाध्यक्ष, राजस्थान शारीरिक शिक्षा शिक्षक संघ
स्कूली खिलाडिय़ों के लिए दी जा रही राशि अपर्याप्त है। विद्यालय छात्र विकास कोष से भुगतान किया जाता है, जिसमें स्कूल विकास के अन्य कार्य भी शामिल हैं। इस मद में 25 हजार रुपए की राशि को बढ़ाकर 75 हजार रुपए करना आवश्यक है, ताकि खिलाडिय़ों को उचित सुविधा मिल सके।