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भारतीय रेल में बड़ा बदलाव: लंबी दूरी की ट्रेनों में लग रहे AI सेंसर पहले ही कर देंगे अलर्ट, यात्रियों को मिलेगी बड़ी राहत

मौजूदा समय में ट्रेनों के कोच के वॉश बेसिन व शौचालयों में पानी खत्म होने पर यात्रियों को भारी परेशानी झेलनी पड़ती है। रेलवे प्रशासन को भी इसकी जानकारी तब मिलती है, जब यात्री शिकायत करते हैं। भारतीय रेलवे ने अब इसका तोड़ निकाल लिया है।

Big update in Indian rail
भारतीय रेलवे में एआई का इस्तेमाल (फोटो-पत्रिका)

श्रीगंगानगर। अब लंबी दूरी की ट्रेनों में पानी खत्म होने की शिकायतें बीते दिनों की बात होगी। ट्रेनों के कोच में लगा सेंसर पानी पर नजर रखेगा और वाटर लेवल कम होते ही कंट्रोल रूम और सुपरवाइजर को अलर्ट भेज देगा, जिससे अगले ही स्टेशन पर मात्र दस मिनट में कोच में पानी की रिफलिंग हो जाएगी।

इससे ट्रेनों में पानी भरने के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा और रेलगाड़ियों के संचालन में तेजी आएगी। बीकानेर मंडल में एआई तकनीक से कार्य शुरू कर दिया है। सूरतगढ़ स्टेशन पर क्विक वाटरिंग सिस्टम स्थापित करने का कार्य भी अंतिम चरण में है। सूरतगढ़ मंडल का दूसरा स्टेशन बनेगा, जो आधुनिक तकनीक से लैस होगा।

बीकानेर-दिल्ली सरायरोहिल्ला ट्रेन के कोच में लगा सेंसर।

सूरतगढ़ में बन रहा क्विक वॉटरिंग सिस्टम

सूरतगढ़ स्टेशन पर 3 करोड़ रुपए की लागत से क्विक वाटरिंग सिस्टम लगाने का कार्य अंतिम चरण में है। पहले केवल प्लेटफॉर्म एक पर ही पानी रिफिलिंग की सुविधा थी, जिससे अन्य प्लेटफॉर्मों पर रुकने वाली ट्रेनों में पानी नहीं भर सकते थे और यात्रियों को खासी परेशानी झेलनी पड़ती थी। सिस्टम की खास बात यह है कि इसमें मोबाइल से एक कोड भेजने पर ही पानी की सप्लाई शुरू होगी और जैसे ही टैंक फुल होंगे, सप्लाई स्वत: बंद हो जाएगी। इससे पानी की बर्बादी भी रुकेगी।

कोच में लगे सेंसर, 70 प्रतिशत पानी खत्म होते ही अलर्ट

वर्तमान में ट्रेनों के कोच के वॉश बेसिन व शौचालयों में पानी खत्म होने पर यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ती है। रेलवे प्रशासन को भी इसकी जानकारी तब मिलती है, जब यात्री शिकायत करते हैं। अब रेलवे ने कोच में हाइड्रोस्टेटिक वाटर लेवल सेंसर लगाने शुरू कर दिए हैं। बीकानेर मंडल से गुजरने वाली कई लंबी दूरी की ट्रेनों में इन्हें लगाया जा चुका है। यह सेंसर जैसे ही कोच के टैंक में पानी का 70 प्रतिशत से कम प्रेशर महसूस करेगा, कंट्रोल रूम और अगले स्टेशन के सुपरवाइजर के मोबाइल पर अलर्ट भेज देगा।

क्विक वाटरिंग सिस्टम की मदद से एक साथ पूरी ट्रेन के वाटर टैंक 10 मिनट में भर जाएंगे, जिससे ट्रेन संचालन में समय बचेगा। यह सुविधा लंबी दूरी की ट्रेनों के लिए अत्यंत लाभकारी होगी, जहां अब तक बीच रास्ते में पानी खत्म हो जाने से यात्रियों को कठिनाई का सामना करना पड़ता था। -भूपेश यादव, सीनियर डीसीएम, बीकानेर रेल मंडल