अलवर. महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय, खेरली सैयद, अलवर की इतिहास विषय की व्याख्याता विजयलक्ष्मी जो काम कर रही है, कम ही लोग कर पाते हैं। विजयलक्ष्मी की वर्ष 2008 में तृतीय श्रेणी अध्यापक के रूप में प्रथम नियुक्ति गृह जिले जोधपुर में हुई। इसी साल उनका थानागाजी के ठंडू की ढाणी में स्थानांतरण हुआ। यहां स्कूल के नाम पर दो कमरे और एक ऑफिस था। कम संसाधन और सीमित स्टाफ के बाद भी यहां से पढ़ी हुई कई बालिकाएं डॉक्टर सहित अन्य सरकारी सेवाओं में कार्यरत हैं।
विजयलक्ष्मी बताती हैं कि खेरली सैयद से पहले मेरी पोस्टिंग राजकीय बालिका माध्यमिक विद्यालय उमरैण में थी। यहां कई बालिकाएं ऐसी थीं, जिनके घरों में शौचालय नहीं था। उन्हें शौच के लिए जंगल में जाना पड़ता था। मैंने बालिकाओं की सोच बदली, तो उन्होंने अपने अभिभावकों को प्रेरित कर अपने-अपने घरों में शौचालय का निर्माण कराया। साथ ही भामाशाहों के सहयोग से विद्यालय की गरीब एवं प्रतिभावान बालिकाओं को समय-समय पर जर्सी, यूनिफॉर्म एवं जूते आदि का वितरण करवा कर बच्चों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया।
बालिकाओं को आगे बढ़ने के लिए करती हैं प्रेरित: विजयलक्ष्मी अपने स्कूल की बालिकाओं को शिक्षा से जोड़ने के लिए नए-नए प्रयोग करती हैं। इनके शिक्षण में इतिहास की गहराई और अंग्रेज़ी की व्यापकता, दोनों का अद्भुत समन्वय दिखाई देता है। पढ़ाने का तरीका विद्यार्थियों को विषय से जोड़ता है और जिज्ञासा को बढ़ाता है। बालिकाओं को विभिन्न सह- शैक्षणिक गतिविधियों में बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं।
विजयलक्ष्मी के निर्देशन में 50 से ज्यादा बालिकाओं ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में जिला एवं राज्य स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर विद्यालय का नाम रोशन किया। अंग्रेजी विषय में शत-प्रतिशत बोर्ड परीक्षा परिणाम लाकर विद्यालय में बच्चों के नामांकन में वृद्धि की। विजयलक्ष्मी ने न केवल विद्यार्थियों के जीवन को आकार दिया है, बल्कि अपने अंग्रेजी एवं इतिहास विषय के उत्कृष्ट शिक्षण कार्य से जिला एवं राज्य स्तर पर कई प्रतिष्ठित सम्मान भी प्राप्त किए हैं।
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Published on:
29 Sept 2025 06:46 pm