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फर्जी थानेदार’ कहकर चिढ़ाने वालों को दिया जवाब, भरतपुर के रजनीश गुर्जर ने RAS बनकर लिख दी नई कहानी

Bharatpur Rajneesh Gurjer RAS Success Story: लोग उन्हें ‘फर्जी थानेदार’ कहकर बुलाते थे। धीरे-धीरे हालात ऐसे बने कि उन्होंने गांव आना छोड़ दिया, रिश्तेदारों से दूरी बना ली और पूरी तरह पढ़ाई में डूब गए।

Bharatpur Rajneesh Gurjer photo- Social Media

Bharatpur Rajneesh Gurjer RAS Success Story: कहते हैं, अगर इरादे सच्चे हों तो हालात कितने भी कठिन क्यों न हों, मंज़िल मिल ही जाती है। राजस्थान की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा RAS 2023 में ऐसा ही कर दिखाया है भरतपुर के रजनीश गुर्जर ने। कभी लोगों की नज़रों में ‘फर्जी थानेदार’ कहलाने वाले रजनीश ने अब RAS में 404वीं रैंक हासिल कर यह साबित कर दिया कि मेहनत और सच्चाई पर भरोसा रखने वाला कभी हारता नहीं।

2021 की विवादित एसआई भर्ती से शुरू हुआ संघर्ष

रजनीश का नाम 2021 की विवादित SI भर्ती में शामिल था। उस समय मात्र 22 साल की उम्र में चयनित होकर वे सबसे युवा सब इंस्पेक्टर बने थे। लेकिन भर्ती पर उठे सवालों के बाद उन पर “फर्जी भर्ती” के ताने कसने लगे। लोग उन्हें ‘फर्जी थानेदार’ कहकर बुलाते थे। धीरे-धीरे हालात ऐसे बने कि उन्होंने गांव आना छोड़ दिया, रिश्तेदारों से दूरी बना ली और पूरी तरह पढ़ाई में डूब गए।

तनाव, ताने और एक साथी की आत्महत्या का दर्द

रजनीश बताते हैं कि भर्ती विवाद के बाद कई अभ्यर्थी गंभीर मानसिक तनाव में आ गए थे। उनके साथी राजेंद्र सैनी ने तानों और बदनामी के बोझ को झेल नहीं पाया और आत्महत्या कर ली। उस घटना ने रजनीश को भीतर से तोड़ दिया, लेकिन उन्होंने ठान लिया कि अब अपनी सच्चाई को साबित करके ही रहेंगे।

ट्रेनिंग के साथ जारी रखी पढ़ाई, RAS में मिली जीत

रजनीश ने पुलिस ट्रेनिंग के दौरान ही RAS की तैयारी जारी रखी। दोस्तों और मार्गदर्शकों की मदद से उन्होंने आत्मविश्वास नहीं खोया। आखिरकार, RAS 2023 में 404वीं रैंक हासिल कर उन्होंने इतिहास रच दिया।

“मेरे पास एक ही विकल्प था – जीतना”

भावुक होकर रजनीश कहते हैं, “लोगों के ताने मुझे रोज़ जलाते थे, लेकिन मेरे पास एक ही रास्ता था – RAS बनना। आज जब परिणाम आया तो वही लोग बधाई दे रहे हैं।” आज रजनीश युवाओं के लिए प्रेरणा हैं। उनकी कहानी बताती है कि झूठे आरोपों से बड़ी सच्चाई होती है मेहनत और हर संघर्ष के पीछे एक सफलता इंतज़ार करती है।