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हीटवेव से लोग हो रहे हैं तेजी से बूढ़े

वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि बहुत अधिक तापमान का असर दुनिया भर के अरबों लोगों की सेहत पर लंबे समय तक रह सकता है। एक नए अध्ययन में पाया गया है कि बार-बार हीटवेव झेलने से इंसानों की उम्र बढ़ने की गति तेज हो जाती है।

शालिनी अग्रवाल

जयपुर। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि बहुत अधिक तापमान का असर दुनिया भर के अरबों लोगों की सेहत पर लंबे समय तक रह सकता है। एक नए अध्ययन में पाया गया है कि बार-बार हीटवेव झेलने से इंसानों की उम्र बढ़ने की गति तेज हो जाती है। इसका असर उतना ही खतरनाक हो सकता है जितना धूम्रपान, शराब पीना, खराब खान-पान या व्यायाम न करना।जलवायु संकट के कारण अब अत्यधिक गर्मी और हीटवेव आम हो रही हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि इससे अरबों लोगों की सेहत पर गंभीर और स्थायी प्रभाव पड़ सकता है। अभी तक यह तो पता था कि हीटवेव के दौरान अचानक मौतों की संख्या बढ़ जाती है। उदाहरण के लिए, जून में इंग्लैंड की हीटवेव से लगभग 600 लोगों की समय से पहले मौत हुई। लेकिन यह नया अध्ययन दिखाता है कि हीटवेव का असर केवल तुरंत मौतों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह लंबे समय तक शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है।

ताइवान में 25,000 लोगों पर 15 साल तक अध्ययन किया गया। इसमें पाया गया कि जितना ज्यादा लोग हीटवेव झेलते हैं, उनका “बायोलॉजिकल एज” यानी शरीर की वास्तविक उम्र उतनी जल्दी बढ़ती है। उदाहरण के तौर पर, अगर कोई व्यक्ति दो साल में चार दिन ज्यादा हीटवेव झेलता है तो उसकी जैविक उम्र लगभग नौ दिन बढ़ जाती है। बाहर काम करने वाले मजदूरों में यह असर और तेज पाया गया, उनकी जैविक उम्र औसतन 33 दिन बढ़ी। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह असर छोटा लग सकता है, लेकिन अगर पूरी जिंदगी का असर देखें तो यह बहुत बड़ा हो सकता है। और क्योंकि हीटवेव से हर कोई प्रभावित होता है, इसलिए इसका असर पूरी आबादी पर गंभीर होगा। शोधकर्ताओं ने चेताया कि अगर लोग कई दशकों तक हीटवेव झेलते रहे तो स्वास्थ्य पर असर कहीं ज्यादा होगा। चूंकि जलवायु संकट के कारण गर्मी और हीटवेव लगातार बढ़ रही हैं, खतरा भी और बड़ा होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि अब यह समझना जरूरी है कि हीटवेव केवल तुरंत नुकसान नहीं करती, बल्कि यह इंसान को धीरे-धीरे बूढ़ा बना देती है। यह असर किसी भी उम्र में शुरू हो सकता है और जीवनभर रह सकता है।

यह अध्ययन नेचर क्लाइमेट चेंज नामक जर्नल में प्रकाशित हुआ है। इसमें लोगों की जैविक उम्र जानने के लिए ब्लड प्रेशर, इंफ्लेमेशन, कोलेस्ट्रॉल, फेफड़े, लीवर और किडनी की जांच की गई। नतीजों से पता चला कि जितने ज्यादा दिन लोग हीटवेव झेलते हैं, उनकी उम्र उतनी तेजी से बढ़ती है। हालांकि शोध से यह भी पता चला कि समय के साथ लोग गर्मी से बचने के उपाय करने लगते हैं, जैसे छांव में रहना या एसी का इस्तेमाल करना, जिससे नुकसान थोड़ा कम हो सकता है। लेकिन कुल असर अब भी गंभीर रहता है। शोध में शामिल लोग आम तौर पर औसत जनसंख्या से ज्यादा स्वस्थ और शिक्षित थे। असल में बुजुर्ग और बीमार लोग हीटवेव से और ज्यादा प्रभावित होंगे। पहले हुए अमेरिकी अध्ययनों में भी पाया गया है कि ज्यादा गर्मी बुजुर्गों में उम्र बढ़ने की गति तेज कर देती है और गरीब इलाकों या अश्वेत समुदायों में रहने वालों पर इसका असर और खतरनाक होता है।