Sikar Family Mass Suicide Case Update: शायद यहीं नियति थी किरण उर्फ पिंकी की ! जीवन में दो परिवार मिले… और दो साथी ! … लेकिन आखिरी वक्त में कोई साथ न था ! अरिरूद्ध रेजीडेंसी में 11 दिन पहले अपने चार बच्चों सहित जान देने वाली किरण को लेने न मायरे से कोई आया और न ससुराल पक्ष से किसी ने संभाला। जिस लिव इन पार्टनर से सालभर से अनबन रही, उसी ने रविवार देर शाम आखिरी रस्मों का निर्वाह किया। पार्टनर शैलेष के परिवार वाले भी आए।
पालवास रोड स्थित अनिरूद्ध रेजिडेंसी के एक फ्लैट में मिले मां और चार बच्चों के शवों का रविवार को मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कर शव महिला के लिव इन पार्टनर शैलेष झाझड़िया को सौंप दिए। देर शाम सीकर के धर्माणा में ही शवों का अंतिम संस्कार किया गया।
शव शैलेष को सौंपे जाने के बाद पुलिस अधिकारी इंद्रराज मरोड़िया व नगर परिषद के कार्मिक तथा शैलेष व उसके परिजन अस्पताल से वाहन में सीधे ही धर्माणा शव ले गए, जहां नगर परिषद, शिवधाम धर्माणा एवं जनकल्याण चेरिटेबल ट्रस्ट के सहयोग से शवों का अंतिम संस्कार किया गया। पांचों शवों के लिए एक ही चिता तैयार की गई।
लिव इन पार्टनर शैलेष ने शवों को मुखाग्नि दी। अनिरूद्ध रेजीडेंसी में दूसरे दिन भी लोग सदमे में रहे। रेजीडेंसी में घटना को लेकर सवाल छाए रहे कि परिवार ने ऐसा कदम क्यों उठाया। रेजीडेंसी में चर्चा रही कि अपने बच्चों को किरण अपनी जान से ज्यादा चाहती थी और उनकी हर इच्छा पूरी करती थी। उन्हें अपने हाथों से रोटी में विषाक्त पदार्थ खिलाकर कैसे हमेशा के लिए सुला दिया।
Updated on:
13 Oct 2025 09:18 am
Published on:
13 Oct 2025 09:15 am