
सीकर. मीठे प्याज के लिए प्रसिद्ध सीकर जिले में प्याज उत्पादक किसान इन दिनों मायूस हैं। वजह पिछले माह हुई बेमौसम बारिश ने खेतों में तैयार प्याज की पौध को पूरी तरह चौपट कर दिया। कई किसानों की नर्सरी जलभराव से सड़ गई, जिससे अब दोबारा पौध लगानी पड़ रही है।
रही सही कसर प्याज के बीज के भावों में डेढ से दो हजार रुपए प्रति किलो तक तेजी आने से हो गई है। कृषि विभाग का अनुमान है कि इस बार जिले में प्याज की बुवाई में 20 से 25 प्रतिशत तक की गिरावट आ सकती है। व्यापारियों के अनुसार जिले में सामान्य वर्षों में करीब सत्रह से 19 हजार हेक्टैयर में प्याज की बुवाई होती है, लेकिन इस बार क्षेत्र घटकर लगभग पंद्रह हजार हेक्टैयर तक रहने की आशंका है। व्यापारियों ने बताया कि मौजूदा भावों को देखते हुए नए प्याज के भावों में तेजी नहीं रही तो किसानों को काफी घाटा उठाना पड़ेगा।
50 हजार से ज्यादा किसान प्रभावित
सीकर जिले में प्याज की खेती से सीधे तौर पर करीब पचास हजार किसान जुड़े हुए हैं। सर्दी के सीजन का प्याज अगस्त माह में बोया जाता है। इस बार रोपाई के बाद बेमौसम की बारिश के कारण कई जगह प्याज की पौध नष्ट हो गई थी। इससे किसानों को प्याज की पौध की दोबारा रोपाई करनी पड़ी। किसानों ने बताया कि शेखावाटी की आबोहवा के अनुसार एक एकड़ प्याज की खेती पर लगभग एक लाख रुपए से ज्यादा रुपए की लागत आती है। ऐसे में प्याज की औसतन उपज की लागत करीब 16 रुपए प्रति किलो तक आंकी जाती है। प्याज के पौधे को लगाने, खरपतवार को हटाने और कटाई से लेकर इनके कट्टों में पैक करने और मंडी तक लाने में लाखों रुपए खर्च हो जाते हैं।
जिले में प्याज उत्पादकों का नुकसान
ब्लॉक—पिछले वर्ष —अनुमानित क्षेत्र —पौध नुकसान
सीकर—7,250 हेक्टेयर—3950 हेक्टेयर— 40 प्रतिशत
लक्ष्मणगढ़—3,100 हेक्टेयर 2850 हेक्टेयर 45 प्रतिशत
नीमकाथाना-4,000 हेक्टेयर—3750 हेक्टेयर—50 प्रतिशत
दांतारामगढ़—3900 हेक्टेयर 2700 हेक्टेयर 40 प्रतिशत
श्रीमाधोपुर—2800 हेक्टेयर1600 हेक्टेयर 45 प्रतिशत
खाटूश्यामजी 1700 हेक्टेयर-900 हेक्टेयर—50 प्रतिशत
काफी नुकसान हुआ है
सीजन की शुरूआत से प्याज के औसत भाव लागत मूल्य से कम रहे हैं। इससे किसानों को नुकसान हुआ। जिले में पिछले दिनों हुई बैमौसम की बारिश से अधिकांश जगह प्याज की पौध नष्ट हो गई। इससे प्याज उत्पादकों को नई पौध लगाने के लिए दोबारा खर्च करना पड़ रहा है। इस कारण इस बार जिले में प्याज का बुवाई क्षेत्र अन्य सालों की तुलना में कम रहने के आसार है।
प्रेमसुख काजला, थोक व्यापारी
Published on:
27 Oct 2025 11:43 am

