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Sikar News: जयपुर डंपर हादसा, एक ही परिवार में चौथी मौत पर फूटा गुस्सा; आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने हटाया जाम

Jaipur Harmada Accident: हरमाड़ा सड़क हादसे में एक ही परिवार में चौथी मौत के बाद शुक्रवार को लोगों का गुस्सा फूट पड़ा।

सीकर

Anil Prajapat

Nov 07, 2025

Shahpura-Ajitgarh-State-Highway
शाहपुरा-अजीतगढ़ स्टेट हाईवे पर प्रदर्शन करते ग्रामीण। फोटो: पत्रिका

सीकर। हरमाड़ा सड़क हादसे में एक ही परिवार में चौथी मौत के बाद शुक्रवार को लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। वर्षा बुनकर का शव दोपहर बाद सीकर के सीपुर गांव लाया गया। तभी सीपुर मोड़ पर ग्रामीणों ने विरोध-प्रदर्शन करते हुए शाहपुरा-अजीतगढ़ स्टेट हाईवे जाम कर दिया। जाम लगने से वाहन चालक परेशान होते रहे। हालांकि शाम 5.30 बजे तहसीलदार जगदीश बैरवा और अजीतगढ़ पंचायत समिति के प्रधान शंकर लाल यादव के आश्वासन के बाद लोगों ने आंदोलन समाप्त किया और जाम हटाया। हादसे में वर्षा के पिता, चाचा और बहन की मौके पर ही मौत हो गई थी।

हरमाड़ा डंपर हादसे में घायल वर्षा बुनकर (20) ने गुरुवार शाम को सवाई मानसिंह अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया था। पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने सुबह परिजनों को सुपुर्द किया। लेकिन, शव के गांव पहुंचते ही सीपुर मोड़ पर गुस्साए ग्रामीणों ने शाहपुरा-अजीतगढ़ स्टेट हाईवे जाम कर दिया।

मुआवजा देने की मांग

सूचना मिलते ही थाना प्रभारी प्रदीप शर्मा मय जाप्ता मौके पर पहुंचे और लोगों से समझाइश की। लेकिन, ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े रहे। मृतकों के परिजनों को मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की मांग की। लेकिन, जब एक घंटे बाद ग्रामीण नहीं माने तो तहसीलदार जगदीश बैरवा और अजीतगढ़ पुलिस उपाधीक्षक उमेश गुप्ता मौके पर पहुंचे। दोनों अधिकारियों ने लोगों की मांगें सुनीं। हालांकि तहसीलदार के आश्वासन पर भी लोग नहीं माने और तुरंत सहायता देने की मांग रखी।

इसके बाद दूसरे चरण की वार्ता भी विफल रही। शाम 5.30 बजे तहसीलदार जगदीश बैरवा और प्रधान शंकर लाल यादव ने लोगों को आश्वासन देते हुए कहा कि सरकार से मृतकों के परिवारों को जो सहायता मिलेगी वह दिलाई जाएगी और अन्य लाभ भी दिलाए जाएंगे। दोनों मृतकों की पत्नियों को सविंदा पर नौकरियां, निशुल्क भूखंड एवं अन्य सहायता दिलाई जाएगी। इसके बाद धरना समाप्त कर जाम हटा दिया गया।

ये है पूरा मामला

सीकर की तहसील श्रीमाधोपुर के गांव सीपुर निवासी वर्षा दिवाली पर बैनाड़ निवासी अपने चाचा महेंद्र बुनकर के पास अपनी पांच वर्षीय छोटी बहन भानू के साथ आई थी। तीन नवंबर को वह अपने पिता दशरथ बुनकर, चाचा महेंद्र और बहन भानू के साथ गांव लौटने के लिए बस में बैठने जा रही थी।

तभी हरमाड़ा के लोहा मंडी के पास तेज रफ्तार में आ रहे डंपर ने चारों को चपेट में ले लिया था। इस हादसे में पिता दशरथ, चाचा महेंद्र और बहन भानू की पहले ही मौत हो चुकी थी। वर्षा ने भी गुरुवार को उपचार के दौरान दम तोड़ दिया था। बता दें कि हरमाड़ा हादसे में अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है।