
रेलकर्मियों से करोड़ों की ठगी (Photo Patrika)
SBI Bank FD: शिवपुरी में सहकारी बैंक के बाद अब एसबीआई बैंक का एक अजब-गजब कारनामा सामने आया है। शहर के मनियर क्षेत्र निवासी एक मजदूर ने बैंक प्रबंधन पर आरोप लगाया है कि वह अपने खाते में जमा रुपयों में से एक लाख रुपए की एफडी कराने गया था, लेकिन बैंक कर्मचारी ने एफडी की जगह बीमा पॉलिसी (insurance policy) कर दी। इतना ही नहीं पॉलिसी की दूसरी किश्त के रूप में एक लाख रुपए और खाते से कटकर पॉलिसी में जमा हो चुके हैं, जबकि वह इन दो लाख रुपयों को वापस चाहता है। बैंक प्रबंधन वाले 5 साल बाद यह पैसा देने की बोल रहे है। (mp news)
जानकारी के मुताबिक मनियर निवासी हाथ ठेला चलाने वाले मजदूर छोटे पुत्र नक्टू प्रजापति (60) जुलाई 2024 में एसबीआई की शाखा गुरुद्वारा चौक में अपने बैंक खाते में जमा रुपयों में से एक लाख रुपए की एफडी कराने गए थे। चूंकि छोटे प्रजापति अनपढ़ हैं और इसी का लाभ लेकर बैंक कर्मचारी ने मजदूर के पैसो की एफडी न करते हुए एक लाख रुपए की रिटायर स्मार्ट प्लस लाईफ बीमा पॉलिसी कर दी और मजदूर को उस समय एफडी होने की जगह पॉलिसी होने की जानकारी नहीं लगी।
एक साल बाद जब मजदूर खाते में से पैसे निकालने पहुंचा तो उसे पता चला कि खाते में एक लाख रुपए और कम हो गए है। मजदूर ने जब कर्मचारी से पूछा तो पता चला कि पॉलिसी की दूसरी किस्त एक लाख रुपए खाते में से कट गई। तब मजदूर को पता चला कि उसकी एफडी की जगह पॉलिसी हो गई है। अब मजदूर परेशान है और वह बैंक प्रबंधन से यही मांग कर रहा है कि उसके पॉलिसी में जमा दो लाख रुपए वापस कर दें और ब्याज भी न दें, लेकिन प्रबंधन बोल रहा है कि अब ५ साल तक कुछ नहीं हो सकता।
मजदूर छोटे प्रजापति ने बताया कि मैं मजदूर हूं और जैसे-तैसे हाथ ठेला चलाकर अपना व परिवार का गुजारा करता हूं। मैं एक लाख रुपए साल की पॉलिसी क्यों लेने लगा। छोटे प्रजापति का कहना है कि 3 से 4 महीनों में मुझे अपनी नातिनी की शादी करनी है और इस कारण से पैसो की जरूरत है, लेकिन बैंक वाले पॉलिसी के रूप में जमा दो लाख रुपए देने को तैयार नहीं है। बैंक प्रबंधन का कहना है कि पॉलिसी में यह नियम है कि ५ साल से पहले पॉलिसी को नहीं तुड़वा सकते। छोटे प्रजापति ने बैंक प्रबंधन से लेकर कलेक्टर से मामले में शिकायत करते हुए पॉलिसी में जमा दो लाख रुपए वापस दिलवाने की मांग की है।
यह पॉलिसी मैंने खुद की थी और उपभोक्ताओं को पॉलिसी के बारे में पूरी जानकारी भी दी गई थी। अब दो बार पॉलिसी की किस्त भरने के बाद वह इस पॉलिसी को आगे भरना नहीं चाहते, जबकि पॉलिसी 5 साल के लिए है। फिर भी उन्होंने पैसे वापस करने का जो आवेदन विदया है वह हमने वरिष्ठ कार्यालय पहुंचा दिया है। उपभोक्ता को गुमराह करके कोई पॉलिसी नहीं की गई है। आरोप पूरी तरह से गलत है। (mp news)
Published on:
13 Nov 2025 10:43 am
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