
सिवनी. गणपति बप्पा अगले बरस तू जल्दी आना…गली-गली और गांव शहर में, पीटो आज ढिंढौरा, डूब गयो पानी में देखो पार्वती का छोरा…डीजे में बजते गानों के बीच शहर से लेकर गांव तक बप्पा के भक्त खूब झूमे। इस दौरान अबीर गुलाल भी खूब उड़े। इस उत्साह और उत्लास भरे माहौल में शनिवार को बप्पा को विदाई दी गई। प्रशासन द्वारा नदी घाटों में गणेश प्रतिमा विसर्जन को लेकर तैयारी की गई थी। सुबह से ही गणेश प्रतिमा विसर्जन का क्रम शुरु हुआ जो देर रात तक जारी रहा। जिले में 1500 से अधिक छोटी-बड़ी प्रतिमा का विसर्जन किया गया। इससे पहले घर एवं पंडालों में हवन और भंडारा के साथ गणपति बप्पा की विशेष पूजा-अर्चना कर गाजे-बाजे के साथ विदाई दी गई। शुक्रवार से शुरु हुआ प्रतिमाओं के विसर्जन का क्रम शनिवार को देर रात तक जारी रहा। सैकड़ों की संख्या में भक्त गणेश प्रतिमा को लेकर नदी, तालाब घाटों पर पहुंचे। यहां पर अस्थाई रूप से बने कुंड में प्रतिमा का विसर्जन किया गया। श्री गणेश प्रतिमा विसर्जन हेतु नगर के दलसागर तालाब, एमएलबी घाट, मठ मंदिर, लखनवाड़ा घाट में नगर पालिका द्वारा अस्थाई विसर्जन कुंड बनाए गए थे। साथ ही नगर पालिका द्वारा प्रतिमा संग्रहण हेतु विशेष वाहनों को भी लगाया गया था। भक्तों ने इस सुविधा का लाभ लिया। वहीं कई भक्तों ने घर में ही अस्थाई कुंड बनाकर प्रतिमा का विसर्जन किया। लोगों ने घरों एवं पंडालो में विराजमान श्री गणेश प्रतिमाओं को नगर पालिका द्वारा तैयार किए गए अस्थाई विसर्जन कुंड में विसर्जित कर बप्पा से सुख-समृद्धि की कामना की। नगर पालिका सिवनी द्वारा तीनों विसर्जन घाटों में सफाई व्यवस्था हेतु कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी। विसर्जन के दौरान घाटों पर आने वाले श्रृद्धालुओं के लिए पेयजल हेतु टैंकर, रोशनी हेतु विद्युत व्यवस्था की गई थी।
दस दिवसीय गणेश उत्सव का समापन
भाद्र माह शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को दस दिसवीय गणेश उत्सव का शुभारंभ हुआ था। जिसका समापन शनिवार को अनंत चतुर्दशी के दिन हुआ। भगवान विष्णु की पूजा अर्चना के साथ दस दिन से चल रहे गणेश उत्सव का समापन हुआ।
Published on:
07 Sept 2025 09:33 pm

