सिवनी. जिले के दूर-दराज क्षेत्रों में गांव-गांव में बेची जा रही अवैध शराब बिक्री पर जिम्मेदार विभाग रोक नहीं लगा पा रहा है। ऐसे में शासन को लाखों रुपए के राजस्व की हानि तो हो ही रही है साथ ही लोगों के लिए भी काफी नुकसानदायक है। बड़ी बात यह है कि शासन लाखों रुपए आबकारी विभाग पर खर्च कर रही है। इसके बाद भी चंद कार्यवाही और औपचारिकता पूरी करके विभाग अपनी पीठ थपथपा रहा है। आलम यह है कि अवैध शराब बिक्री को लेकर गांव-गांव से ग्रामीण मुख्यालय पहुंचकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर अवैध शराब बिक्री पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं। इसके बावजूद भी सुनवाई नहीं हो रही है। जबकि ग्रामीणों का कहना है कि शासन द्वारा चलाए जा रहे नशा मुक्ति अभियान को सफल बनाने में वे पूरा सहयोग करेंगे, लेकिन विभाग कार्यवाही करे। ग्रामीण लगातार आगे आ रहे हैं। बुधवार को बंडोल थाना क्षेत्र के ग्राम रनवेली एवं आसपास के गांवों में अवैध शराब की बिक्री को लेकर ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रदर्शन किया और फिर ज्ञापन सौंपा।
विभागों के संरक्षण देने का लग रहा आरोप
बुधवार को अवैध शराब बिक्री को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे ग्रामीणों का आरोप है कि आबकारी एवं पुलिस के संरक्षण में रनवेली में कई दिनों से कुछ लोग मुंगवानी स्थित शराब दुकान से शराब लेकर एवं महुआ से कच्ची शराब तैयार कर गांव में बेच रहे हैं। जबकि ग्रामवासियों ने पंचायत बैठाकर गांव में शराब पर रोक लगाने का निर्णय लिया था। ग्रामीणों का कहना है कि विरोध करने पर आरोपी गाली-गलौज कर धमकाता है और शराब ठेकेदार के साथ मिलकर झूठे केस में फंसाने की धमकी देता है। ग्रामीणों ने बताया कि शराब के कारण परिवार टूट रहे हैं, नशाखोरी से अपराध बढ़ रहे हैं और घरों में झगड़े हो रहे हैं।
हर बार सवालों के घेरे में विभाग
ऐसा नहीं है जब ग्रामीणों ने आबकारी एवं पुलिस विभाग पर पहली बार अवैध शराब बेचने वालों से मिलीभगत का आरोप लगाया है। पहले भी कई बार ऐसे आरोप लगते रहे हैं, लेकिन अधिकारी इसे अनसुना कर दे रहे हैं।
रोक नहीं लगी तो आमरण अनशन करेंगे ग्रामीण
सोमवार को भी बंडोल थाना क्षेत्र के सागर गांव सहित आसपास के एक सैकड़ा से अधिक महिला-पुरुष ट्रैक्टर-ट्रॉली में सवार होकर कलेक्टर और एसपी कार्यालय पहुंचे थे। उन्होंने ज्ञापन सौंपकर बंडोल थाना क्षेत्र में अवैध शराब पर कठोर कार्यवाही करने एवं गांव को शराबमुक्त बनाने की मांग की है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो वे आमरण अनशन पर बैठने को बाध्य होंगे। उनका कहना है कि प्रशासन और पुलिस को मिलकर नशा मुक्ति अभियान में सहयोग देना चाहिए, तभी गांवों को नशे के दुष्प्रभाव से बचाया जा सकता है। इस दौरान अनीता बाई, सुमित्रा बाई, उमाबति, आशा, संतोष, भागवती, रंजीता, अनिता, शकुन, सबिता, सरोज, भवनलाल, रविद्र कुमार, रंजन सहित बड़ी संख्या में महिला-पुरूष शामिल रहे।
गांव में लागू है जुर्माना
ग्राम पंचायतों में लगातार अवैध शराब का विरोध तेज हो रहा है। इससे पहले भी कई गांवों में पंचायत बैठकों में शराब बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के साथ नियम तोडऩे वालों पर जुर्माना लागू किया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि शराब से परिवार व समाज पर बुरा असर पड़ रहा है। बैठक में सर्वसम्मति से तय किया गया कि यदि कोई शराब लाता या बेचता पकड़ा जाएगा तो उस पर कठोर कार्यवाही की जाएगी। पंचायतें इस निर्णय को सख्ती से लागू करने पर जोर दे रही हैं ताकि गांवों को नशामुक्त बनाया जा सके और सामाजिक माहौल स्वस्थ रखा जा सके।
इनका कहना है…
जहां-जहां से शिकायत आ रही है वहां आबकारी विभाग कार्यवाही कर रही है। उनकी रिपोर्ट भी मुझे मिल रही है। समय-समय पर निर्देश भी दिए जा रहे हैं।
संस्कृति जैन, कलेक्टर, सिवनी
Published on:
25 Sept 2025 08:46 pm