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प्रतिबंध के बावजूद 16 किसान खेत में जला रहे थे नरवाई

प्रशासन ने जांच के बाद शुरु की कार्यवाही

सिवनी. शासन के निर्देशों एवं पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से जिले में फसल अवशेष(नरवाई) जलाने पर पूर्णत: प्रतिबंध लगाया गया है। इसके बावजूद कुछ किसानों द्वारा खेतों में नरवाई जलाने की जानकारी प्राप्त होने पर प्रशासन ने तहसील कुरई क्षेत्र में जांच कराई। जांच में ग्राम जनावरखेड़ा के आठ, ग्राम बादलपार के पांच, ग्राम सापापार के दो एवं ग्राम मोहगांव सडक़ के एक किसान द्वारा नरवाई जलाने की पुष्टि हुई है। सभी 16 किसानों के विरुद्ध नियम अनुसार प्रकरण दर्ज कर आवश्यक कार्यवाही की जा रही है। जिला प्रशासन ने किसानों से अपील की है कि वे खेतों में नरवाई न जलाएं। नरवाई जलाने से मिट्टी की उर्वरता घटती है, पर्यावरण प्रदूषित होता है और मानव, पशु स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। साथ ही आगजनी की घटनाओं की संभावना भी बढ़ जाती है। प्रशासन ने किसानों से आग्रह किया है कि वे नरवाई प्रबंधन हेतु सुपर सीडर, मल्चर, रोटावेटर, मोबाइल श्रेडर जैसी आधुनिक कृषि मशीनों का उपयोग करें एवं फसल अवशेष को मिट्टी में मिलाकर जैविक खाद के रूप में इस्तेमाल करें। स्वच्छ पर्यावरण, उपजाऊ भूमि और सुरक्षित भविष्य के लिए प्रशासन ने सभी किसानों से नियमों का पालन करते हुए सहयोग करने की अपील की है।