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प्रशासनिक स्वीकृति न मिलने से अटके 332 करोड़ रुपए

- भीमगढ़ बांध की नहरों को मजबूत करने केन्द्र से स्वीकृति का इंतजार - मुख्यमंत्री से मुलाकात कर पूर्व विधायक ने उठाया मामला

कच्ची नहरों के फूटने का रहता है खतरा।
कच्ची नहरों के फूटने का रहता है खतरा।

सिवनी. वैनगंगा नदी पर बने संजय सरोवर बांध भीमगढ़ की बायीं एवं दायीं तट नहरों के सीमेंटीकरण का कार्य 332.54 करोड़ रुपए की लागत से स्वीकृत हुआ है। लेकिन प्रशासनिक स्वीकृति न मिल पाने के कारण कार्य की शुरुआत नहीं हुई है। ऐसे में आगामी समय में कच्ची नहरों पर पानी छोड़े जाने से फिर नहरों के फूटने और पानी की बर्बादी के साथ ही टेल एरिया में किसानों को पानी की समस्या हो सकती है। सरकार से प्रशासनिक स्वीकृति की मांग लगातार हो रही है।


क्षेत्रवासियों की मांग पर पूर्व में केवलारी विधायक रजनीश सिंह ने इस विषय को विधानसभा सत्र के दौरान उठाया था, लेकिन तब भी कोई समाधान नहीं मिला। हाल ही में केवलारी के पूर्व विधायक राकेश पाल सिंह ने भोपाल में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को इस सम्बंध में पत्र देकर किसानों की समस्या से अवगत कराया है। बताया कि भीमगढ़ बांध की नहरों के सीमेंटीकरण के लिए भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय से इन्वेस्टमेंट क्लीयरेंस 2023 में प्रदान की गई है। इसकी निविदा भी लग चुकी हैं। लेकिन सीमेंटीकरण के कार्य की प्रशासनिक स्वीकृति राज्य शासन स्तर पर और भारत सरकार जल शक्ति मंत्रालय नई दिल्ली से दिलाकर जल्द ही नहरों के सीमेंटीकरण कार्य को आरंभ करवाया जाए। जिससे किसानों को फसलों की सिंचाई के लिए बार-बार हो रही पानी की समस्या एवं नहरों के क्षतिग्रस्त होने की समस्या को जल्द दूर किया जा सके। इस विषय पर मुख्यमंत्री ने अपनी ओर से हरसंभव प्रयास करने का आश्वासन दिया है।


घोषणा अब तक नहीं हो सकी पूरी
केवलारी स्थित शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय में उच्च शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश द्वारा शासन स्तर से विज्ञान संकाय प्रारंभ करने की मांग पर भी मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित कराया गया। बताया कि सात अगस्त 2018 को इसकी घोषणा की गई थी। लेकिन शासकीय महाविद्यालय केवलारी में आज दिनांक तक शासन मद से विज्ञान संकाय का प्रारंभ नहीं हुआ है। जिससे शासकीय महाविद्यालय केवलारी में जन भागीदारी से संचालित हो रही बीएससी की कक्षा में छात्र-छात्राओं को अधिक शुल्क से राहत मिल सके। नगर एवं ग्राम के आसपास के छात्र एवं छात्रा को विज्ञान संकाय की शिक्षा प्राप्त हो सके। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से शासन स्तर पर विज्ञान संकाय प्रारंभ कराने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने उचित समाधान के लिए सम्बंधित विषय पर संज्ञान लेने के लिए आश्वस्त किया है।