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शहर के कई वार्डों में नहीं बिछी पाइप लाइन, तंग गलियों में टैंकरों की नो एंट्री

गंगापुरसिटी. भीष्ण गर्मी का दौर शुरू हो चुका है। सूर्य की तपिश के चलते अब गर्मी से राहत पाने के लिए एसी व कूलरों की ठंडी हवा की खासी जरूरत महसूस होने लगी है। लेकिन शहर के कई वार्डों में हालात यह है कि लोग कूलरों के लिए पानी की व्यवस्था करना तो दूर की […]

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गंगापुरसिटी. अम्बेडकर धर्मशाला के पास नल पर लगी महिलाओं की भीड़।

गंगापुरसिटी. भीष्ण गर्मी का दौर शुरू हो चुका है। सूर्य की तपिश के चलते अब गर्मी से राहत पाने के लिए एसी व कूलरों की ठंडी हवा की खासी जरूरत महसूस होने लगी है। लेकिन शहर के कई वार्डों में हालात यह है कि लोग कूलरों के लिए पानी की व्यवस्था करना तो दूर की बात हैं, पेयजल के लिए भी तरसना पड़ रहा है। आलम है कि अभी भी कई वार्डों के अंदरूनी इलाकों में जल जीवन मिशन के तहत हर घर पानी पहुंचाने के लिए पाइप लाइन भी नहीं बिछाई जा सकी है। नल की सुविधा वाली कॉलोनियों में भी 48 घंटे में की जाने वाली पेयजल सप्लाई में भी पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है। पत्रिका ने लोगों के बीच जाकर उनसे बात की तो वे पानी को लेकर परेशान नजर आए।

यूं बताई लोगों ने समस्या

वार्ड नम्बर 8 निवासी मनोज सैनी ने बताया कि वार्ड में चम्बल परियोजना की आधी-अधूरी लाइन बिछाई गई है। जिससे नल जल योजना का भी लाभ नहीं मिल पा रहा है। अधिकांश हैंडपम्प भी सूख चुके है। ऐसे में पेयजल किल्लत बनी हुई है। इधर, वार्ड नम्बर 9 निवासी नरेशी प्रजापत ने बताया कि गर्मी के समय पानी की खपत वैसे ही बढ़ जाती हैं, लेकिन यहां तो पीने के पानी के लिए ही सरकारी नल पर लाइन लगानी पड़ती है। इस दौरान कई बार आपसी विवाद की स्थिति बन जाता है। इसी प्रकार वार्ड नम्बर 6 निवासी रामचरण ने बताया कि घर की महिलाओं को पानी के जुगाड़ के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता है। कई बार स्थिति होती है कि घर के सारे काम छोड़ कर सिर्फ पानी भरने के लिए भी जूझना पड़ता है। ऐेसे में प्रशासन को जलापूर्ति के लिए पर्याप्त इंतजाम करने चाहिए।

फ्लोराइड की भी समस्या

शहर के अधिकांश वार्डों में भूमिगत जल स्तर काफी नीचे जा चुका है। ऐसे में हैण्डपम्प व ट्यूबवेल भी जवाब देने लगे है। वहीं कहीं पानी पहुंच में है तो फ्लोराइड इतना अधिक है कि नहाने व कपड़े धोने के लिए भी उपयोग में नहीं लिया जा सकता है। साथ ही मुनीम पाड़ा व मुख्य बाजार की पुरानी आबादी की तंग गलियों में टैंकर भी नहीं पहुंच पाते है। ऐसे में नल से सप्लाई जरूरी हो जाती है।


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