
MP News: सरकारी विद्यालयों में पदस्थ शिक्षकों को अब ऐप के माध्यम से ई-अटेंडेंस नहीं लगाना भारी पड़ेगा। कलेक्टर डॉ सतीश कुमार एस ने जिले के सभी संकुल प्राचार्यों को आदेशित किया है कि जिन शिक्षकों द्वारा ई-अटेंडेंस नहीं लगाई जाती है उनका वेतन आहरण प्रतिबंधित किया जाए। साथ ही इनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रस्ताव भेजने को कहा है।
दरअसल, स्कूल शिक्षा विभाग ने शासकीय शिक्षकों, शाला प्रमुखों, अतिथि शिक्षकों की हाजिरी के लिए ई-अटेंडेंस की व्यवस्था लागू की है, लेकिन सतना जिले में ई-अटेंडेंस की स्थिति प्रदेश में नीचे से दूसरे स्थान पर है। पत्रिका ने जिले में शिक्षकों द्वारा ई-अटेंडेंस नहीं लगाने की खबर प्रमुखता से प्रकाशित की तो कलेक्टर ने संज्ञान में लेते हुए आदेश जारी किया है। जिसमें कहा है कि अभी मात्र 40 प्रतिशत लोक सेवक ही ई-अटेंडेंस लगा रहे हैं, जो शासन के निर्देशों की अवहेलना है।
संकुल प्राचार्य का दायित्व है कि अधीनस्थ शालाओं में पदस्थ लोक सेवक शत प्रतिशत ई-अटेंडेंस लगाएं। जिससे विद्यालयों में समय पर शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित हो और इसका लाभ विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को उनके शैक्षणिक कार्य में मिल सके। लिहाजा सभी लोक सेवकों की ‘हमारे शिक्षक’ एप में ई-अटेंडेंस सुनिश्चित कराई जाए। जिनके द्वारा ई-अटेंडेंस नहीं लगाई जाती है उनका वेतन आहरण प्रतिबंधित किया जाए।
समय सीमा बैठक में ई-अटेंडेंस को लेकर कलेक्टर ने डीईओ की क्लास लगा दी। बैठक में कलेक्टर ने डीईओ से ई-अटेंटेंडेंस की स्थिति पूछी। इस पर डीईओ डायरी के पन्ने पलटती रहीं और 10 मिनट बाद जवाब दिया कि दिन में 11.30 बजे तक ई-अटेंडेंस अपलोड होती है। इस पर जिपं सीईओ ने कहा कि शनिवार का ही स्टेटस बता दीजिए।
डीईओ ने कहा कि शनिवार को बिरसा मुंडा जयंती पर अवकाश था। इस पर सीईओ ने कहा कि शुक्रवार का ही स्टेटस बता दीजिए। इसके बाद डीईओ निरुत्तर रहीं और डायरी के पन्ने पलटती रहीं। करीब 20 से 25 मिनट की चर्चा और इंतजार के दौरान कलेक्टर ने तीन बार डीईओ से ई-अटेंडेंस की जानकारी चाही, लेकिन डीईओ जानकारी नहीं दे सकीं। इस पर कलेक्टर ने डीईओ पर नाराजगी जजाते हुए व्यवस्थाएं सुधारने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने बैठक में कहा, दो दिन पहले सतना जिले का 17वां स्थान था, जो अब 21 पर आ गया है। अधिकांश विभाग ए श्रेणी में है। राजस्व सहित अन्य डी श्रेणी के विभाग बी और सी श्रेणी में आएं। संभागीय स्वरोजगार मेला और स्वरोजगार की योजनाओं की समीक्षा में जिले की साप्ताहिक प्रगति संतोषजन नहीं मिली। सभी योजनाओं के वार्षिक लक्ष्य दिसंबर तक पूर्ण करने के निर्देश दिए। एसएलआर ने बताया कि नक्शाविहीन 119 गांव अभी शेष बचे हैं। 99 गांवों के नक्शे तैयार कर भेजे जा चुके हैं।
बैठक में नगरीय निकायों की समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने उचेहरा सीएमओ से जानकारी चाही तो एक मैडम ने जानकारी देनी शुरू की। यह देख कलेक्टर ने पूछा कि आप कौन हैं? इस पर उन्होंने खुद को प्रभारी सीएमओ बताया। कलेक्टर ने जब मूल पद पूछा तो उन्होंने बताया कि सहायक ग्रेड 3 हैं।
कलेक्टर ने पूछा आपके सीएमओ कहां हैं? उन्होंने बताया कि सीधी जिले के मझौली में है। सतना से मझौली की दूरी लगभग 150 किमी है। यह जानकारी मिलने के बाद कलेक्टर ने कहा कि इस विषय पर आयुक्त नगरीय प्रशासन से बात करनी होगी। इतनी दूरी के सीएमओ को प्रभार देने पर वे यहां का काम देख ही नहीं पाएंगे।
Published on:
18 Nov 2025 05:06 pm

