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‘जमीनों के रजिस्ट्रेशन’ के लिए, तहसीलदारों का आदेश अनिवार्य

MP News:पंजीयन के लिए तहसीलदारों का आदेश अनिवार्य होगा। उनकी जिम्मेदारी होगी कि वे सिकमी पंजीयन का गंभीरता पूर्वक सत्यापन करें।

सतना

Astha Awasthi

Sep 18, 2025

फोटो सोर्स: पत्रिका
फोटो सोर्स: पत्रिका

MP News: एमपी के सतना जिले में कलेक्टर डॉ सतीश कुमार एस ने खरीफ सीजन के लिए समर्थन मूल्य पर उपज विक्रय के लिए पंजीयन व्यवस्था को लेकर कहा कि 30 अगस्त 2025 के पहले जिन जमीनों का एग्रीमेंट होगा, उन्हीं का पंजीयन सिकमी के रूप में किया जा सकेगा। पंजीयन के लिए तहसीलदारों का आदेश अनिवार्य होगा। उनकी जिम्मेदारी होगी कि वे सिकमी पंजीयन का गंभीरता पूर्वक सत्यापन करें।

30 अगस्त 2025 के पहले का एग्रीमेंट अनिवार्य

पंजीयन को लेकर आयोजित प्रशिक्षण बैठक में कलेक्टर ने कहा कि समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के पंजीयन की शुरुआत होने जा रही है। लिहाजा पंजीयन के दौरान ऑपरेटर और समिति प्रबंधक पर्याप्त सावधानी बरतें। जो किसान सिकमी पंजीयन (ठेके में जमीन) करवाना चाहता है उसके लिए संबंधित मूल भू-स्वामी से उसका 30 अगस्त 2025 के पहले का एग्रीमेंट अनिवार्य होगा। इसके बाद के एग्रीमेंट पर सिकमी का पंजीयन नहीं हो सकेगा।

इसी तरह वनाधिकार पट्टों के लिए पंजीयन करने से पहले तहसीलदार का सत्यापन अनिवार्य होगा। अपर कलेक्टर विकास सिंह, डीएसओ सयक जैन, पंजीयन केन्द्रों के ऑपरेटर सहित अन्य मौजूद रहे।

सत्यापन एसडीएम-तहसीलदार करेंगे

अपर कलेक्टर विकास सिंह ने बताया कि अगर पंजीयन में किसान द्वारा उल्लेखित फसल, रकबा का गिरदावरी में दर्ज फसल रकबा भिन्न होगा, विगत वर्ष पंजीयन से 50 फीसदी अधिक रकबा वाले लेकिन 5 हेक्टेयर से अधिक के पंजीकृत किसान, 5 हेक्टेयर से अधिक रकबा वाले किसानों का सत्यापन एसडीएम, तहसीलदार और नायब तहसीलदारों द्वारा किया जाएगा।

तो होगी सख्त कार्रवाई

कलेक्टर ने ऑपरेटरों और समिति प्रबंधकों को चेताया कि पंजीयन में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी नहीं की जानी चाहिए। न ही किसी भूमि स्वामी का नाम काट कर कहीं अन्यत्र जोड़ा जाना चाहिए। पूर्व के वर्षों में इस तरह के मामले सामने आए हैं। इस संबंध में पूरी गंभीरता बरतें। अगर पंजीयन में किसी प्रकार की गड़बड़ी किए जाने की शिकायत सामने आती है तो संबंधित दोषी पर सख्त कार्यवाही की जाएगी।

सह खातेदारों में सहमति अनिवार्य

कलेक्टर ने कहा कि कई सहखातेदार होने के बाद भी इनमें से कोई एक खातेदार सभी की जमीनों का पंजीयन अपने नाम करवाना चाहता है। इस दशा में शेष खातेदारों का संबंधित पंजीयन कराने वाले खातेदार के पक्ष का सहमति पत्र अनिवार्य होगा। अगर उनके सहमति पत्र नहीं होंगे तो संबंधित खातेदार के हिस्से की भूमि का ही पंजीयन हो सकेगा। इसके अलावा किसी भूमि स्वामी की मृत्यु हो गई है और उसकी जमीन का वारसाना नहीं चढ़ा है तो उस स्थिति में डीएसओ लॉगिन में पंजीयन की व्यवस्था दी गई है।