Heavy Rain : लगातार बरसात से यमुना का जलस्तर बढ़ रहा है। सहारनपुर में हथनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी का स्तर भी बढ़ गया है। इससे सहारनपुर से लेकर शामली और बागपत से लेकर दिल्ली तक असर देखने को मिल रहा है। सहारनपुर के नकुड़ और सरसावा क्षेत्र में चारों ओर पानी ही पानी हो गया है। फसलें जलमग्न हो गई हैं। लगातार हो रही बरसात और बढ़ते जलस्तर को देखते हुए स्कूलों की छुट्टी कर दी गई है वहीं लोगों के अकेले घरों से बाहर ना निकलने और पानी की ओर नहीं जाने की सलाह दी जा रही है।
यमुना नदी में लगातार बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए हथनीकुंड बैराज से सोमवार को 3.11 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। इसका असर मंगलवार को बागपत और दिल्ली तक देखने को मिल रहा है। बैराज से जब इतना पानी छोड़ा गया तो जल स्तर तेजी से बढ़ते हुए 335.72 मीटर तक जा पहुंचा। इससे यूपी के साथ-साथ हरियाणा में भी बाढ़ जैसे हालात बन गए। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हजारों बीघा फसल जलमग्न हो गई है और यमुना में बढ़े जलस्तर से सैकड़ों गांव प्रभावित हैं।
हथनीकुंड बैराज एक ऐसा बैराज है जिससे निकलने वाला पानी हरियाणा दिल्ली और यूपी को सीधे तौर पर प्रभावित करता है। पिछले करीब दो दशकों से यह बैराज अपनी पूरी क्षमता के साथ काम कर रहा है। यह भी समझना आवश्यक है कि हथनीकुंड बांध नहीं हैं बल्कि बैराज है। यानी इसका कार्य पानी को रोकना नहीं बल्कि पानी का बंटवारा करना है। यहां से हरियाणा यूपी और दिल्ली के पानी छोड़ा जाता है। इस बैराज में 18 फ्लड गेट हैं जिनकी क्षमता 20 हजार क्यूबिक फीट प्रति सैकेड हैं। यानी अगर एक साथ सभी फ्लड गेट अपनी पूरी क्षमता के साथ चलें तो इनसे एक सैकेंड में 20 हजार क्यूबिक फीट तक पानी निकल सकता है। इस बांध से यमुना के दो हिस्से होते हैं। एक पूर्वी यमुना और एक पश्चिमी यमुना है।
एक रौचक बात यह भी है कि बुधवार को हथनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी का स्तर घटा है लेकिन इसके विपरीत चिंता बढ़ी है। इसकी वजह यह है कि सोमवार को जब यहां से तीन लाख से क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया तो सहारनपुर में बरसात नहीं थी लेकिन मंगलवार को बैराज से आ रहे पानी के साथ-साथ लगातार बरसात भी हो रही है। ऐसे में हथनीकुंड बैराज के पास वालों इलाकों से लेकर दिल्ली तक में चिंता बढ़ी हुई है। दरअसल जो पानी हथनीकुंड बैराज से छोड़ा जाता है उसे दिल्ली तक पहुंचने में करीब 37 घंटे का समय लगता है। यही कारण है कि मंगलवार को चिंता बढ़ी हुई है। इन सब कयासों के बीच सिंचाई विभाग का कहना है कि हथनीकुंड बैराज से जो पानी छोड़ा गया है उससे बाढ़ जैसे हालात बनने की आशंका नहीं है। लगातार बरसात को देखते हुए बैराज से पानी का स्तर कुछ कम भी कर दिया गया है।
Published on:
02 Sept 2025 12:42 pm