बीना. जरुवाखेड़ा में रेलवे गेट 27 सितंबर तक बंद रहेगा, जिससे बीना से सागर जाने वाले यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बस से सफर करने वाले यात्री लगातार मार्ग परिवर्तन की वजह से थकान और अतिरिक्त खर्च झेल रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर रेल यात्रियों की संख्या अचानक बढ़ जाने से बीना-सागर रूट की ट्रेनों में भारी भीड़ देखने को मिल रही है। हालात यह हैं कि ट्रेन में पैर रखने तक की जगह नहीं मिल पा रही है।
बस यात्रियों को कई बार बदलनी पड़ रहीं बस
बीना से सागर की ओर बसों से यात्रा करने वालों को अब सीधा सफर नहीं मिल पा रहा। उन्हें पहले बीना से खुरई तक पहुंचना पड़ता है, उसके बाद दूसरी बस लेकर रजवांस मार्ग से होकर सागर पहुंचना पड़ता है। इस पूरी यात्रा में जहां समय अधिक लग रहा है। वहीं, ज्यादा किराए का बोझ भी यात्रियों की जेब पर पड़ रहा है। रोजाना सफर करने वाले विद्यार्थियों और नौकरीपेशा लोगों को इससे खासा नुकसान उठाना पड़ रहा है।
निजी वाहन चालकों पर भी असर
केवल बस यात्रियों को ही नहीं, बल्कि निजी वाहनों से सफर करने वालों को भी लंबा रास्ता तय करके सागर पहुंचना पड़ रहा है। वैकल्पिक मार्ग लंबा होने से ईंधन की खपत बढ़ रही है, इससे यात्रियों का समय तो बर्बाद हो ही रहा है। साथ ही जेब पर अतिरिक्त बोझ भी पड़ रहा है।
माल ढुलाई महंगी, महंगाई पर असर
रेलवे गेट बंद होने का असर केवल यात्री परिवहन पर ही नहीं, बल्कि माल वाहक वाहनों पर भी पड़ा है। ट्रक और अन्य मालवाहक वाहन लंबा मार्ग अपनाने को मजबूर हैं और इसके चलते परिवहन खर्च बढ़ गया है। व्यापारी अब सामान लाने पर अतिरिक्त राशि खर्च कर रहे हैं, जिसका सीधा असर बाजार की महंगाई पर पड़ रहा है। आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में धीरे-धीरे बढ़ोत्तरी देखी जा रही है।
सभी ट्रेनों में भीड़
बीना से सागर जाने के लिए सडक़ मार्ग बंद होने के कारण अधिकांश लोग ट्रेन से यात्रा कर रहे हैं। अचानक बढ़ी भीड़ से ट्रेनों में यात्रियों को पैर रखने के लिए भी जगह नहीं मिल रही है। इनमें सबसे ज्यादा भीड़ उन ट्रेनों में हो रही है जो छोटी स्टेशनों पर खड़ी होती हैं। इनमें बीना-कटनी पैसेंजर, बिलासपुर-भोपाल एक्सप्रेस शामिल हैं।
Published on:
22 Sept 2025 12:00 pm