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आंदोलन करने जीटी एक्सप्रेस से तमिलनाडु से दिल्ली जा रहे थे किसान, बीना के पहले ही अन्य स्टेशनों पर उतारा

छावनी में तब्दील रही स्टेशन, बनाई गई थी दो अस्थायी जेल, 11 मिनट स्टेशन पर खड़ी रही ट्रेन

Farmers travelling from Tamil Nadu to Delhi on GT Express to protest were disembarked at other stations before Bina.
प्लेटफॉर्म पर तैनात पुलिस बल

बीना. कर्नाटक में मेगदादु बांध परियोजना को रोकने सहित किसानों की छह सूत्रीय मांगों को लेकर तमिलनाडु के विभिन्न क्षेत्रों से आंदोलन करने दिल्ली जा रहे किसानों को रोकने के लिए मंगलवार को रेलवे स्टेशन पर सागर सहित कई जिलों का पुलिस बल तैनात रहा। इस दौरान पूरी स्टेशन छावनी में तब्दील हो रही। रात 11.23 बजे ट्रेन क्रमांक 12675 जीटी एक्सप्रेस के पहुंचते ही पुलिस ने राष्ट्रीय दक्षिण भारतीय नदी संपर्क किसान संगठन के किसानों की तलाश की, लेकिन सभी किसानों को पहले ही नर्मदापुरम और इटारसी स्टेशन पर उतार लिया गया था, जिससे ट्रेन में अन्य कोई किसान संगठन के सदस्य नहीं मिले और 11.34 बजे ट्रेन को आगे रवाना कर दिया गया। तैयारी का जायजा लेने के लिए डीआइजी, एडिशनल एसपी सहित अन्य अधिकारी भी बीना पहुंचे थे।

दरअसल इंटेलिजेंस की रिपोर्ट थी कि राष्ट्रीय दक्षिण भारतीय नदी संपर्क किसान संगठन के सदस्य, चैन्नई से नईदिल्ली जंतर-मंतर प्रदर्शन करने के लिए जा रहे हैं। इसकी जानकारी लगते ही पुलिस को अलर्ट कर दिया गया और अलग-अलग स्टेशन पर टीम ने किसानों को उतार लिया। यह सभी किसान रिजर्वेशन कराकर नई दिल्ली जा रहे थे, जिससे इन किसानों की पहचान करने में पुलिस के लिए दिक्कत नहीं हुई। सोमवार रात से ही शहर में पुलिस का आना शुरू हो गया था, जो लोगों में चर्चा का विषय रहा, लेकिन शासन, प्रशासन ने यह जानकारी लोगों तक नहीं पहुंचने दी।

किसानों की यह हैं मांगें

किसानों की मांग थी कि कृषि उत्पादों के लिए दो गुना लाभदायक मूल्य निर्धारण करना, व्यक्तिगत किसानों को फसल बीमा योजना लागू करना, सभी किसानों का राष्ट्रीयकृत बैंकों का ऋण माफ करना, तमिलनाडू को रेगिस्तान से बचाने के लिए कर्नाटक में मेगदादू बांध परियोजना को रोकना, 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के किसानों के लिए मासिक पांच हजार पेंशन करना, छात्रों द्वारा लिए गए सभी शैक्षिक ऋणों को माफ करना।

पीएम से वादा पूरा करने की मांग

किसान संगठनों की मांग है कि पीएम अपना वादा पूरा करें। प्रधानमंत्री ने कृषि उत्पादों के लिए दो गुना लाभकारी मूल्य देने का वादा किया था। धान का मूल्य अगर 18 रुपए प्रति किलो है, तो गेहूं का भी 18 रुपए प्रति किलो होना चाहिए। उन्होंने 54 रुपए प्रति किलो देने का वादा किया था, लेकिन अब तक उन्होंने केवल 24 रुपए प्रति किलो दिए हैं। उसी तरह, गन्ने का मूल्य 2,700 रुपए प्रति टन है। अब उन्होंने 8,100 रुपए देने का वादा किया था, लेकिन अभी तक केवल 3,160 रुपए ही दे रहे हैं। इसलिए, वह चाहते हैं प्रधानमंत्री अपना वादा पूरा करें।

बनाई गई थी दो अस्थायी जेल

चेन्नई से दिल्ली की ओर जा रहे किसानों को रोकने के लिए बीना स्टेशन पर प्रदेश के कई जिलों से बड़ी संख्या में बुलाई गई पुलिस। किसानों को बीना उतारकर रोकने के लिए आरपीएफ मैदान व रेलवे संस्थान मेंअस्थायी जेल बनाया गया था। साथ ही उन्हें वहां तक ले जाने के लिए बस की भी व्यवस्था की गई थी।