
बीना. विवाह पंचमी पर मंगलवार को भगवान श्रीराम की भव्य महाबारात शहर से निकाली गई। महाबारात की भव्यता देख श्रद्धालु भाव विभोर थे। भगवान की महाबारात में शामिल होने और दर्शनों के लिए लोगों का जनसैलाब उमड़ा था। करीब एक लाख श्रद्धालु बारात में शामिल हुए। सडक़ और मकान के छतों पर कहीं खड़े होने के लिए भी जगह नहीं थी। पूरा शहर भगवान श्रीराम के जयकारे गूंजते रहे।
पिछले कई दिनों से रहीं वैवाहिक रस्मों के बाद मंगलवार को खिरिया वार्ड स्थित श्रीरामनाम सिद्ध पीठ पर सुबह भगवान का विशेष पूजन और श्रृंगार कर 175 व्यंजनों का भोग लगाया गया। इसके बाद दोपहर में महाबारात शुरू हुई, जो सर्वोदय चौराहा, कॉलेज तिराहा, गांधी तिराहा, महावीर चौक, कच्चा रोड होते हुए श्रीरामनाम सिद्ध पीठ पर संपन्न हुई। एक किमी लंबी भव्य महाबारात में करीब एक लाख श्रद्धालु शामिल हुए, जिसमें सबसे धर्म ध्वजा थी और उसके पीछे ढोल थे, जो बारात आने का आगाज कर रहे थे। इसके पीछे ध्वज और घोड़ों पर सवार युवक सूर्य चिंह, लेकर चल रहे थे। पालकी में भगवान की चरण पादुका विराजित की गई थीं और पीछे रथ पर श्रीरामनाम महाराज विराजमान थे। श्रद्धालुओं ने भगवान की आरती उतारी और श्रीरामनाम महाराज का भी पूजन कर आशीर्वाद लिया। भगवान के दर्शनों के लिए श्रद्धालु सुबह से ही आतुर थे और कई घंटों तक इंतजार भी किया। पुलिस, प्रशासन सुरक्षा में मुस्तैद रहा, जिससे शांतिपूर्ण तरीके से बारात संपन्न हुई। नरसिंह मंदिर स्थित परिणय वाटिका में आयोजित भंडारे में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। जगह-जगह लोगों ने खीर, हलुवा, खिचड़ी, फल, पानी सहित अन्य सामग्री वितरित स्वागत किया। चौराहे पर जेसीबी पर खड़े होकर पुष्प वर्षा की गई।
झांकियां दिखा नाग लोक, मां दुर्गा ने किया महिषासुर वध
बदनावर से आईं चलित झांकियों ने आकर्षित किया, जिसमें नाग लोक में नाग कन्या भगवान भोलेनाथ की आराधना कर रहीं थीं, तो भगवान को नाव से नदी पार कराते केवट प्रसंग दिखाया गया। भगवान कृष्ण की वस्त्र हरण की लीला, दानवों का उद्धार करते हुए भगवान शंकर जी और मां दुर्गा की महिषासुर का वध करते हुए झांकी शामिल थी।
नासिक के ढोलों ने बांधा समां
बारात में दिल्ली, पंजाब महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों से आए कलाकारों ने समां बांधा। नासिक से आई ढोल पार्टी में महिलाओं ने ढोल बजाकर समां बांध दिया। अघोरी नृत्य में कलाकारों ने सति चरित्र, तांडव सहित अन्य प्रस्तुति देकर मंत्रमुग्ध कर दिया। पंजाब के बैगपाइपर बैंड, काली नृत्य, नरसिंह भगवान की झांकी, नृत्य करते हनुमान जी, आदिवासी नृत्य सहित बग्गी में भगवान की झांकियां सजाई गईं थीं।
भांवर, पांव पखराई के बाद हुई विदाई
शाम को बारात के समापन पर श्रीरामनाम सिद्ध पीठ पर रीति रिवाजों के साथ भगवान श्रीराम और जानकी का विवाह संपन्न कराया गया। भगवान की पांव पखराई, भांवर सहित अन्य रस्में हुईं, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। इसके बाद इंदौर से आई बारात की विदाई हुई।
Published on:
26 Nov 2025 12:11 pm

