
बीना. कृषि उपज मंडी में व्यापारियों द्वारा भावांतर योजना में गड़बड़ी की जा रही है। इसको लेकर पत्रिका द्वारा लगातार खबरें भी प्रकाशित की गईं थीं। इसके बाद एक व्यापारी के यहां संयुक्त संचालक के आदेश पर जांच की गई, जिसमें 904 क्विंटल सोयाबीन कम निकला है, जिसपर व्यापारी के खिलाफ शासकीय राशि के गबन का मामला दर्ज कराने थाने में आवेदन दिया गया है। साथ ही व्यापारी का लायसेंस निलंबित कर दिया है।
जानकारी के अनुसार मंडी स्थित सोनू ट्रेडर्स के यहां 104 क्विंटल सोयाबीन बिना अनुबंध के सीधे खरीदने का मामला सामने आया था। इसकी शिकायत भी मंडी प्रबंधन से की गई थी, जिसपर एक गार्ड को हटाया था। इसके बाद 23 नवंबर को संयुक्त संचालक के आदेश पर टीम ने सोनू ट्रेडर्स की गोदामों पर जांच करने पहुंची और रिकॉर्ड से मिलान किया तो, 904 क्विंटल सोयाबीन कम निकला है। इसमें भावांतर योजना के तहत बिना सोयाबीन की खरीदी किए हुए लाभ लेने की आशंका है, जिसमें करीब 12 लाख रुपए का गबन हुआ है। इसके चलते फर्म संचालक संदीप जैन के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के आदेश दिए गए हैं। बुधवार की शाम मंडी सचिव ने थाने पहुंचकर थाना प्रभारी को आवेदन दिया है। साथ ही मंगलवार को व्यापारी का मंडी लायसेंस भी निलंबित किया गया है और खरीदी-बिक्री नहीं कर पाएंगे।
अन्य व्यापारी भी कर रहे हैं गड़बड़ी
भावांतर योजना के तहत मंडी के अन्य व्यापारी भी बिना सोयाबीन खरीदे ही खरीदी दर्शाकर भावांतर का लाभ ले रहे हैं। यदि सही तरीके से जांच की जाए, तो बड़ी गड़बड़ी सामने आएगी।
ऐसे करते हैं गड़बड़ी
व्यापारी किसानों को कुछ रुपयों का लालच देकर उनके पंजीयन पर प्रवेश पर्ची कटाते हैं, जिसपर भांवातर दर्ज किया जाता है। इसके बाद बिना सोयाबीन की खरीदी बिना ही तौल दर्शाकर योजना का लाभ लेते हैं। साथ ही इसके बाद में बिना अनुबंध के अन्य किसानों से सोयाबीन खरीदकर दर्शा दिया जाता है।
दिया है आवेदन
संयुक्त संचालक के आदेश पर व्यापारी पर एफआइआर दर्ज कराने थाना प्रभारी को आवेदन दिया है। साथ ही व्यापारी का लायसेंस निलंबित कर दिया गया है।
कमलेश सोनकर, सचिव, कृषि उपज मंडी, बीना
Published on:
27 Nov 2025 11:52 am

