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Hanuman Chalisa Secrets: बजरंग बली की कृपा पाने के लिए हनुमान चालीसा पढ़े या सुनें? जानिए सही तरीका

Hanuman Chalisa Secrets: हनुमान चालीसा सिर्फ एक स्तुति नहीं, बल्कि अद्भुत शक्ति का स्रोत है। कहा जाता है कि जो व्यक्ति सच्चे मन से इसका पाठ करता है उसके जीवन से नकारात्मक ऊर्जाएं नष्ट हो जाती हैं। ऐसे में कई लोग हनुमान चालीसा को पढ़ने की बजाय सुनना पसंद करते हैं, लेकिन क्या वाकई में यह असरदार है? जानिए यहां।

भारत

MEGHA ROY

Nov 10, 2025

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Hanuman Chalisa religious significance|फोटो सोर्स – Freepik

Hanuman Chalisa Secrets: हनुमान चालीसा सिर्फ एक स्तुति नहीं, बल्कि अद्भुत शक्ति का स्रोत है। कहा जाता है कि जो व्यक्ति सच्चे मन से इसका पाठ या श्रवण करता है, उसके जीवन से भय, बाधाएं और नकारात्मकता स्वतः दूर होने लगती हैं। लेकिन सवाल यह है कि बजरंग बली की कृपा पाने के लिए हनुमान चालीसा पढ़ना ज्यादा प्रभावी है या सुनना? आइए जानते हैं धार्मिक मान्यताओं और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से इसका सही तरीका।

हनुमान चालीसा को पढ़ें या सुनें, जानिए क्या है सही तरीका

हनुमान जी की कृपा पाने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करना या सुनना दोनों ही बहुत प्रभावशाली माने जाते हैं। हालांकि, पढ़ना अधिक फलदायी माना गया है क्योंकि यह भक्ति, ध्यान और एकाग्रता को बढ़ाता है। हनुमान चालीसा की एक चौपाई में कहा गया है, "जो यह पढ़े हनुमान चालीसा, होय सिद्धि साखी गौरीसा", यानी जो व्यक्ति श्रद्धा और भक्ति से इसका पाठ करता है, उसे सभी सिद्धियां प्राप्त होती हैं, और इसके साक्षी स्वयं भगवान शिव (गौरीश) हैं।

श्री हनुमान चालीसा

दोहा

श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।
बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।।
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।

चौपाई

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर।
जय कपीस तिहुं लोक उजागर।।

रामदूत अतुलित बल धामा।
अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।।

महाबीर बिक्रम बजरंगी।
कुमति निवार सुमति के संगी।।

कंचन बरन बिराज सुबेसा।
कानन कुंडल कुंचित केसा।।

हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै।
कांधे मूंज जनेऊ साजै।

संकर सुवन केसरीनंदन।
तेज प्रताप महा जग बन्दन।।

विद्यावान गुनी अति चातुर।
राम काज करिबे को आतुर।।

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया।
राम लखन सीता मन बसिया।।

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा।
बिकट रूप धरि लंक जरावा।।

भीम रूप धरि असुर संहारे।
रामचंद्र के काज संवारे।।

लाय सजीवन लखन जियाये।
श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।।

रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई।
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।

सहस बदन तुम्हरो जस गावैं।
अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं।।

सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा।
नारद सारद सहित अहीसा।।

जम कुबेर दिगपाल जहां ते।
कबि कोबिद कहि सके कहां ते।।

तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा।
राम मिलाय राज पद दीन्हा।।

तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना।
लंकेस्वर भए सब जग जाना।।

जुग सहस्र जोजन पर भानू।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं।
जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।।

दुर्गम काज जगत के जेते।
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।

राम दुआरे तुम रखवारे।
होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।

सब सुख लहै तुम्हारी सरना।
तुम रक्षक काहू को डर ना।।

आपन तेज सम्हारो आपै।
तीनों लोक हांक तें कांपै।।

भूत पिसाच निकट नहिं आवै।
महाबीर जब नाम सुनावै।।

नासै रोग हरै सब पीरा।
जपत निरंतर हनुमत बीरा।।

संकट तें हनुमान छुड़ावै।
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।।

सब पर राम तपस्वी राजा।
तिन के काज सकल तुम साजा।

और मनोरथ जो कोई लावै।
सोइ अमित जीवन फल पावै।।

चारों जुग परताप तुम्हारा।
है परसिद्ध जगत उजियारा।।

साधु-संत के तुम रखवारे।
असुर निकंदन राम दुलारे।।

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता।
अस बर दीन जानकी माता।।

राम रसायन तुम्हरे पासा।
सदा रहो रघुपति के दासा।।

तुम्हरे भजन राम को पावै।
जनम-जनम के दुख बिसरावै।।

अन्तकाल रघुबर पुर जाई।
जहां जन्म हरि-भक्त कहाई।।

और देवता चित्त न धरई।
हनुमत सेइ सर्ब सुख करई।।

संकट कटै मिटै सब पीरा।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।

जै जै जै हनुमान गोसाईं।
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।।

जो सत बार पाठ कर कोई।
छूटहि बंदि महा सुख होई।।

जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा।
होय सिद्धि साखी गौरीसा।।

तुलसीदास सदा हरि चेरा।
कीजै नाथ हृदय मंह डेरा।।

दोहा

पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप।।

हनुमान चालीसा को ऊंचे स्वर में क्यों पढ़ते हैं?

आपने देखा होगा कि हनुमान चालीसा का पाठ करने वाले लोग अक्सर ऊंची आवाज में इसका जप करते हैं। दरअसल, इसके पीछे एक खास कारण हैचालीसा के हर शब्द में ऐसी ध्वनि तरंगें होती हैं जो ऊंचे स्वर में बोलने पर वातावरण में सकारात्मक कंपन उत्पन्न करती हैं। ये कंपन नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर घर में शांति और सुरक्षा का घेरा बनाते हैं। इसलिए अगर आप भी जीवन में सकारात्मकता लाना चाहते हैं, तो पूरे मन और ऊर्जा के साथ हनुमान चालीसा का पाठ करें

कितनी बार पढ़ने से सच में बदल सकती है किस्मत?


कहा जाता है कि अगर आप श्रद्धा और एकाग्रता से हनुमान चालीसा का पाठ 108 बार करते हैं, तो जीवन में सकारात्मक बदलाव आने लगते हैं। नियमित पाठ से भय, बाधाएं और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। असली असर तब दिखता है जब हर चौपाई को मन से महसूस किया जाए।