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Chanakya Niti: किसी करीबी को भी ना बताएं ये बातें, जिंदगी भर रहेंगे परेशान

Chanakya Niti: चाणक्य नीति के अनुसार, आर्थिक नुकसान, मन का दुख, अपमान और निजी बातें किसी को नहीं बतानी चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति को सामाजिक, मानसिक और भविष्य के मामलों में हानि हो सकती है।

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Chanakya Niti

चाणक्य नीति (PC: Gemini Generated)

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य, जिन्हें कौटिल्य और विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना जाता है, प्राचीन भारत के महान दार्शनिक, राजनीतिज्ञ और कूटनीतिज्ञ थे। उनकी नीतियां आज भी जीवन के हर क्षेत्र में मार्गदर्शन करती हैं। चाणक्य नीति (Chanakya Niti) में उन्होंने कई ऐसी बातें बताई हैं जो इंसान को जीवन में सफलता, सम्मान और सुरक्षा दिलाती हैं। इनमें से एक महत्वपूर्ण सीख है कुछ बातें कभी किसी को नहीं बतानी चाहिए, चाहे वह व्यक्ति कितना ही करीबी क्यों न हो। इन बातों को साझा करने से भविष्य में बड़ा नुकसान हो सकता है।

1. आर्थिक नुकसान की बातें न बताएं

चाणक्य के अनुसार, इंसान को कभी भी अपने धन से जुड़े नुकसान को अन्य लोगों के सामने प्रकट नहीं करना चाहिए। इसका कारण यह है कि आर्थिक संकट के समय लोग अक्सर दूरी बना लेते हैं। समाज में आपकी छवि प्रभावित हो सकती है और कई बार लोग आपके हालात का गलत फायदा भी उठा सकते हैं। यदि व्यक्ति खुद ही अपनी आर्थिक कमजोरी सबके सामने रख देता है, तो उसका प्रभाव उसके आत्मविश्वास और सामाजिक सम्मान पर भी नकारात्मक पड़ता है। इसलिए आर्थिक समस्याएँ केवल विश्वसनीय लोगों से ही साझा करें।

2. मन का दुख हर किसी से न कहें

चाणक्य कहते हैं कि मन का दुख कभी किसी से न साझा करें, क्योंकि हर कोई आपके भावनाओं का सम्मान नहीं करेगा। कई लोग आपकी कमजोरी जानकर उसका मजाक उड़ा सकते हैं या गलत लाभ ले सकते हैं। दुख व्यक्त करना समय के अनुसार सही है, लेकिन ऐसे लोगों के सामने भावनाएँ व्यक्त न करें जो आपको सही दिशा या समर्थन नहीं दे सकते।
सही व्यक्ति के सामने दुख कहना मन को हल्का करता है, लेकिन गलत व्यक्ति के सामने कहना भविष्य में कष्ट बढ़ा सकता है।

3. अपने अपमान की घटना को गुप्त रखें

यदि किसी परिस्थिति में आपका अपमान हुआ है, तो चाणक्य सलाह देते हैं कि इसे दूसरों के सामने न लाएं। अपमान की बात फैलाने से आपकी प्रतिष्ठा और भी प्रभावित हो सकती है। बहुत से लोग इसका मजाक बना सकते हैं, और कई लोग आपको कमज़ोर समझकर आपका अनादर भी कर सकते हैं। अपमान को अपने भीतर संभालकर, उससे सीख लेते हुए आगे बढ़ना ही बुद्धिमानी होती है।

4. अपनी योजनाएं और राज किसी को न बताएं

चाणक्य नीति के अनुसार, अपनी योजनाएं और निजी रणनीतियां भी किसी को न बताना व्यक्ति के लिए लाभदायक होता है। इससे शत्रु या ईर्ष्यालु लोग आपके काम में बाधा नहीं डाल पाते।