
Kaal Bhairav Temples : भारत में हैं ये 5 प्राचीन "काल भैरव" मंदिर, जानिए 'काशी के कोतवाल' का रहस्य (फोटो सोर्स: srimandir.com)
5 Kaal Bhairav Temples in India: काल भैरव मंदिर का नाम सुनते ही अक्सर उज्जैन का पौराणिक काल भैरव मंदिर ही याद आता है। भारत में मंदिरों की कुल संख्या का कोई सटीक आंकड़ा नहीं हैं, लेकिन अगल- अगल अनुमानों के हिसाब से यह संख्या लगभग 9 से 10 लाख या 7.5 लाख या 6.5 लाख से भी ज़्यादा हो सकती है। इसके बीच काल भैरव के मंदिरो की संख्या भी बहुत है। लेकिन क्या आपको पता है कि इतनी संख्या के बीच भारत में काल भैरव के ऐसे 5 मंदिर भी हैं, जोे कि अपने ऐतिहासिक, संस्कृति और रीति-रिवाज के कारण बहुत महत्वपूर्ण हैं। जिसमे से 17वीं शताब्दी में बना वाराणसी का मंदिर सबसे प्राचीन शिव मंदिरों में से एक माना जाता है। आइए जानते हैं इन 5 मंदिरो के बारे में।
काल भैरव की उज्जैन बात करें और के काल भैरव मंदिर की बात न हो, ऐसा नहीं हो सकता। मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित काल भैरव यह मंदिर एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है। काल भैरव भगवान शिव के एक भयानक स्वरूप हैं, जिनका संबंध संहार से है। इस मंदिर की एक आकर्षक आभा है जो देवता के रौद्र रूप को दिखाती है।
अष्टभैरवों के रूप में, उज्जैन के स्थानीय लोग और बाहर दूर से आएं श्रद्धालु काल भैरव की पुजा करते हैं। यहां तक कि कुंभ मेले के धार्मिक उत्सव के दौरान यह मंदिर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस मंदिर में दूर-दूर से लोग बाबा भैरव के दर्शन के लिए आते हैं। हैरानी की बात तो यह है कि मंदिर में मौजूद भगवान काल भैरव की मूर्ति शराब ग्रहण करती है। पुरातत्व विभाग और वैज्ञानिक भी इस राज का पता नहीं लगा पाए। जिस कारण इस मंदिर के प्रति लोगों की आस्था और भी बढ़ गई है। कहा जाता है कि काल भैरव मंदिर का निर्माण राजा भद्रसेन ने शिप्रा नदी के तट पर करवाया था।
काल भैरव का यह मंदिर अहमदाबाद के दूधेश्वर नदी-फ्रंट के पास में स्थित है, और पूरी तरह से भगवान काल भैरव को ही समर्पित है। लोगों की इस मंदिर में बहुत मान्यता है, जिसके कारण यह एक प्रमुख मंदिर है और नियमित रूप से श्रद्धालुओं का यहां दूर- दूर से आना लगा रहता है।
17वीं शताब्दी में बना यह मंदिर उत्तर प्रदेश के वाराणसी विशेश्वरगंज क्षेत्र में स्थित है। यह मंदिर सबसे प्राचीन शिव मंदिरों में से एक माना जाता है। यहां की मान्यता के अनुसार, भगवान काल भैरव को “काशी के कोतवाल” यानी वाराणसी का संरक्षक कहा जाता है। लोंगो का कहना है कि कोई भी बिना उनके आशीर्वाद के कोई वाराणसी में स्थायी रूप से नहीं रह सकता। इस मंदिर में मंगलवार और रविवार को खासतौर पर पूजा के लिए लोग आते हैं।
आठ भैरवों में से प्रमुख माना जाने वाला काल भैरव का मंदिर यह मंदिर नागपुर, महाराष्ट्र में स्थित है।यह मंदिर स्थानीय श्रुति के अनुसार लगभग 200 वर्ष पुराना बताया जाता है। यह भी भैरव का प्राचीन मंदिर है और स्थानीय श्रद्धालुओं के साथ- साथ, दूर- दूर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक प्रमुख तीर्थस्थल है।
काल भैरव का यह मंदिर स्थानीय लोंंगो के लिए बहुर खास है, मंदिर इंदौर, मध्य प्रदेश के बागणिया क्षेत्र में है और भगवान काल भैरव को समर्पित एक लोकप्रिय धार्मिक स्थल है। यह मंदिर सुबह 6 बजे खुलता है और शाम तक खुला रहता है। इस मंदिर को स्थानीय-स्तर पर महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल के रूप में देखा जा सकता है।
आठवीं-नवीं शताब्दी में बना श्री काल भैरव नाथ मंदिर महाराष्ट्र के पुणे जिले के ससवड नामक कस्बे में बना हुआ है, स्थानीय लोंंगो का कहना है कि यह "समय और मृत्यु" के देवता का मंदिर है। पुराने स्रोत बताते हैं कि यह मंदिर बहुत प्राचीन है जो कि 8वीं शताब्दी के आसपास बना है। इस मंदिर की खासियत है कि इस मंदिर को किले के रूप में बनाया गया हैं।यहां के लोगों की मान्यता है कि यहां भैरवजी बुरी शक्तियों से लोंगो की रक्षा करते हैं और जो व्यक्ति कठिनाई में होता है उसे उससे बाहर निकालते हैं।
Published on:
21 Nov 2025 03:53 pm
बड़ी खबरें
View Allधर्म और अध्यात्म
धर्म/ज्योतिष
ट्रेंडिंग
