
Shardiya Navratri 2025 :मध्य प्रदेश के रतलाम में स्थित 350 साल से अधिक प्राचीन मुगल काल में बने मां गढ़ कालिका का मंदिर शहर के मध्य में हैं। यहा रोजाना एक साथ माता के तीन रूपों में दर्शन होते हैं। भक्तों की मान्यता है कि, मां सभी के कष्ट हरती हैं। यहां की खास बात ये है कि, नवरात्र के पहले दिन ब्रह्ममुहूर्त में संतों के सानिध्य में घट स्थापना होती है और दोनों समय गरबा होते हैं। 100 से अधिक मातृशक्ति सिर पर दीप कलश रख गरबा कर नौ दिन माता की भक्ति करती हैं।
खास बात ये है कि, ये सिलसिला मुगलकाल से यथावत चला आ रहा हैं। ऐसा माना जाता है कि, माता की प्रतिमा बहुत चमत्कारी है। यहां सच्चे मन से शक्ति की भक्ति करने पर सुख समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसी के चलते शारदीय नवरात्रि के पहले दिन सोमवार सुबह 5 बजे रामद्वारे के महंत पुष्पराज महाराज द्वारा माता जी घटस्थापना कर आरती की तत्पश्चात बालिकाओं ओर युवतियों द्वारा सर पर दीप जले कलश रख गरबा रास किया गया।
जिस समय हिंदुस्तान पर मुगल शासन था और मुगल के दूसरे बादशाह जलालुद्दीन मोहम्मद (अकबर) थे। तब करीब 1556-1605 ई. में मौजूदा रतलाम क्षेत्र में सोढ़ा राजपूत परिवार का राज था। बताया जाता है कि, उसी समय यहां मां कालिका की प्रतिमा स्थापित हुई थी। मंदिर के गर्भगृह में चांदी के द्वार बने हैं। चांदी का ही सरकार का मोनो भी मंदिर के मुख्य द्वार के सामने लगा था। मां कालिका के साथ चामुंडा, अन्नपूर्णा और भगवान गणेश की मूर्तियां भी यहां स्थापित हैं। मंदिर में मौजूदा पुजारी की 17वीं पीढ़ी पूजा करा रही है। मंदिर के सामने अष्ठकोणिया सिद्ध चमत्कारी झाली तालाब है। यही बैठकर तालाब निर्माण के समय सिद्ध यंत्र कर बनाकर मंदिर में लगाया गया था।
साल 1953 से मां कालिका की सेवा कर रहे कालिका माता सेवा मंडल ट्रस्ट के अध्यक्ष राजाराम मोतियानी का कहना है कि, मेला 1948 से मेहरूमल अवतानी जो यहां हेल्थ ऑफिसर रहे उन्होंने शुरू किया था। उस समय सामने बगीचा था, बिजली नहीं होने पर कैडंल जलाकर गरबा किया जाता था। शुरुआत में 50-60 थी, वर्तमान में 3 हजार के करीब मातृशक्ति हो सुबह-शाम गरबा करने मंदिर आती हैं। किवंदती है कि, पहले यहां जंगल था, शेर आता था, रात के समय दरवाजा बंद कर भंडारे में यहां रहने वाले दुबक जाते थे। मंदिर की आठ-दस सीढियां नीचे तो मैने ही देखी हैं। पहले यहां कालिका माता भक्त मंडल नाम था, उस समय शहर के वरिष्ठ लोग व्यापारी, कलेक्टर, एसपी सभी इसमें सहयोग करते थे।
आज से सुरु हुआ नवरात्र महोत्सव 30 सितंबर तक यहां धूमधाम से मनाया जाएगा। इस बीच रोजान सुबह 4 से 6 बजे और शाम 7 से 11 बजे तक गरबा आयोजन होगा। घट स्थापना सोमवार सुबह बड़ा रामद्वारा के महंत पुष्पराज किया। अखंड रामायण परायण तथा हजारों निराश्रितों को शाम के समय भोजन करते हैं। इसके बाद विजयादशमी पर चल समारोह निकाला जाएगा। आगे श्रीराम दरबार की सवारी, पीछे मां कालिका भैरवजी के साथ शहर भ्रमण करेंगी। सप्तमी, अष्ठमी और नवमी पर मांडवी उठाकर गरबा किया जाएगा। अष्ठमी की रात रंग-गुलाल खेला जाएगा।
Published on:
22 Sept 2025 12:05 pm

