
रखबदेव जैन श्वेताम्बर बाबा साहब मंदिर अष्टम तीन दिवसीय ध्वजारोहण महोत्सव
रतलाम। रखबदेव बाबा साहब के जैन मंदिर पर अष्टम ध्वजारोहण महोत्सव 5 से 7 दिसंबर तक श्रद्धा-भक्ति के साथ मनाया जाएगा। तीनों दिनों में पूजन, आराधना और भक्ति संध्या का आयोजन होगा, जिसमें धर्मालु शामिल होकर धर्मलाभ लेंगे।
शहर के मध्य महलवाड़ा से लगे थावरिया बाजार क्षेत्र में स्थित यह लगभग 200 वर्ष पुराना जैन मंदिर मालवा क्षेत्र का अत्यंत प्रतिष्ठित एवं प्राचीन उपासना स्थल है। संवत 1886 में खरतरगच्छाचार्य जिन महेंद्रसागरसूरीश्वर ने मंदिर की प्रतिष्ठा सम्पन्न कराई थी। जर्जरित देवरी व संरचना देखकर 1981 में साध्वी मणीप्रभा ने जीर्णोद्धार का संकल्प कराया। जीर्णोद्धार समिति ने सन् 2009 में भूमि पूजन कर कार्य किया। 6 दिसंबर 2017 को 26 देहरियों में 86 प्रभु परमात्माओं की प्रतिष्ठा महामंगलाचरण के साथ सम्पन्न हुई।
जैन श्वेतांबर खरतरगच्छ श्रीसंघ एवं रखबदेव बाबा साहब जैन मंदिर के पदाधिकारी अध्यक्ष अशोक चौपड़ा, कांतिलाल चौपड़ा, संयोजक राजेंद्र कोठारी, जितेन्द्र संचेती, शैलेंद्र पवेचा, अजीत सकलेचा, दीपक कोठारी, हेमंत बोथरा, चितरंजन लालन, लोकेश लालन, राजेंद्र कोठारी, आलोक गांधी आदि ने समाजजनों से अधिक से अधिक संख्या में शामिल होकर धर्मलाभ लेने का आग्रह किया हैं। मंदिर परिसर के पीछे एवं दादावाड़ी के पास खुले स्थान पर समाजजनों के लिए स्वामीवात्सल्य का आयोजन होगा। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की सहभागिता की संभावना है।
ये होंगे तीन दिन आयोजन
पहला दिन-सुबह 9 बजे से आदिनाथ पंचकल्याणक पूजन का आयोजन होगा। इस पूजन का लाभ विचक्षण मंडल लेगा, पूजन संगीतमय साज-बाज के साथ सम्पन्न होगी।
दूसरा दिन- सुबह 9 बजे से पार्श्वनाथ पंचकल्याणक महापूजन आयोजित होगा, पूजन विचक्षण महिला मंडल की ओर से पढ़ाई जाएगी। रात्रि 8 बजे से भक्ति संध्या होगी।
तीसरा दिन- सुबह 9 बजे से स्तर भेदी पूजन पढ़ाई जाएगी। लाभ चंद्रवीर परिवार ने लिया। मंदिर के शिखर पर ध्वजा चढ़ाई जाएगी। शाम 7.30 बजे से संगीतमय आरती होगी।
मंदिर में है 100 मूर्तियां स्थापित
बाबा साहब का मंदिर अपनी भव्यता और विकसित रूप में खड़ा है। आदिनाथ भगवान की मनोहरी प्रतिमा विशेष आकर्षण का केंद्र है। संपूर्ण मंदिर में 100 से अधिक मूर्तियां स्थापित हैं। मालपुरा शैली पर आधारित दादावाड़ी का निर्माण मंदिर के पिछले भाग में हुआ है। अग्रभाग में यति की गादी विराजित है। प्रवेश द्वार पर गजराज की मूर्तियां मंदिर की शोभा बढ़ाती हैं। मंदिर परिसर स्थित दादावाड़ी को शीघ्र ही नवीन स्वरूप देने का कार्य भी प्रगतिरत है।
Updated on:
04 Dec 2025 03:32 pm
Published on:
04 Dec 2025 03:30 pm
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