रामपुर: उत्तर प्रदेश के रामपुर में समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आजम खान और उनके परिवार के लिए शुक्रवार को कोर्ट से दोहरी राहत मिली। रामपुर की एमपी-एमएलए विशेष मजिस्ट्रेट कोर्ट ने 2019 के एक मामले में सपा के पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम और उनके तत्कालीन मीडिया प्रभारी व वर्तमान भाजपा नेता फसाहत अली खां शानू को दोषमुक्त कर दिया। यह मामला आम आदमी पार्टी (आप) के प्रदेश प्रवक्ता फैसल खान लाला के साथ कथित मारपीट और धमकाने से जुड़ा था। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष आरोप साबित करने में विफल रहा, इसलिए साक्ष्य के अभाव में दोनों आरोपियों को बरी किया जाता है।
इसके साथ ही, हाल ही में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने डूंगरपुर प्रकरण में आजम खान की जमानत याचिका मंजूर की थी। इन दो फैसलों ने आजम खान और उनके परिवार को बड़ी राहत दी है, जिससे आजम खान के जल्द जेल से बाहर आने की संभावना बढ़ गई है।
2019 में फैसल खान लाला ने रामपुर के गंज कोतवाली थाने में तहरीर देकर आरोप लगाया था कि अब्दुल्ला आजम और फसाहत अली खां शानू ने उनके साथ मारपीट, अभद्रता और धमकाने की घटना को अंजाम दिया था। पुलिस ने जांच के बाद अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था, जिस पर लंबे समय से सुनवाई चल रही थी। शुक्रवार को कोर्ट में दोनों आरोपियों की पेशी हुई, और अंततः उन्हें बरी कर दिया गया।
फैसले से एक दिन पहले, गुरुवार को अब्दुल्ला आजम ने सीतापुर जिला जेल में बंद अपने पिता आजम खान से मुलाकात की। यह मुलाकात करीब दो घंटे तक चली। बाहर निकलने के बाद अब्दुल्ला ने पत्रकारों से कहा, 'हमें कोर्ट और अल्लाह पर पूरा भरोसा है। जल्द ही मेरे पिता पर लगे सभी आरोप बेबुनियाद साबित होंगे।'
अब्दुल्ला ने बताया कि जेल में उनके पिता की तबीयत ठीक नहीं है। आंख के ऑपरेशन के बाद उन्हें दोबारा चेकअप की जरूरत है, लेकिन अभी तक उन्हें अस्पताल नहीं ले जाया गया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि कोर्ट से जल्द और राहत मिलेगी।
हालांकि, आजम खान के खिलाफ एक अन्य मामला इलाहाबाद हाई कोर्ट में लंबित है, जिसकी सुनवाई अगली तारीख पर होगी। इस बीच, अब्दुल्ला की मुलाकात और उनके बयानों ने रामपुर के राजनीतिक हलकों में चर्चा का माहौल गर्म कर दिया है।
Published on:
12 Sept 2025 07:40 pm