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एमएलएसयू कुलपति के विवादित बयान के विरोध में राजसमंद में युवा प्रदर्शन, पद से बर्खास्तगी की मांग

मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय (एमएलएसयू) की कुलपति प्रो. सुनीता मिश्रा के औरंगजेब पर विवादित बयान को लेकर उदयपुर में शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन मंगलवार को राजसमंद तक पहुंच गया।

Rajsamand news
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राजसमंद. मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय (एमएलएसयू) की कुलपति प्रो. सुनीता मिश्रा के औरंगजेब पर विवादित बयान को लेकर उदयपुर में शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन मंगलवार को राजसमंद तक पहुंच गया। स्थानीय युवाओं और सर्वसमाज के लोगों ने पुरानी कलक्ट्री पर इकट्ठा होकर जमकर आक्रोश व्यक्त किया और कुलपति के खिलाफ रैली निकाल कर विरोध प्रदर्शन किया। रैली में शामिल युवाओं और समाज के लोगों ने नारेबाजी करते हुए कुलपति को पद से बर्खास्त करने की मांग की। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि इस तरह के बयान इतिहास और धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने के समान हैं। युवा आक्रोश को देखते हुए कलक्ट्रेट परिसर में पुलिस ने सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए।

प्रतिनिधिमंडल ने कलक्टर को सौंपा ज्ञापन

प्रदर्शन के बाद सर्वसमाज के प्रतिनिधि कलक्टर कार्यालय पहुंचे और ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि मेवाड़ की धरती ने सदैव बाहरी आक्रांताओं के खिलाफ साहस और संघर्ष का परिचय दिया है। महाराणा कुम्भा, महाराणा सांगा, महाराणा प्रताप और महाराणा राजसिंह जैसे वीर शासकों ने अपने जीवन का बलिदान देकर क्षेत्र के सम्मान की रक्षा की। ऐसे गौरवशाली इतिहास वाले क्षेत्र में विश्वविद्यालय की कुलपति द्वारा मुगल शासक औरंगजेब का महिमामंडन करना इतिहास के साथ छेड़छाड़ और क्षेत्रीय धार्मिक भावनाओं पर चोट करने के बराबर है। ज्ञापन में यह भी कहा गया कि कुलपति का यह वक्तव्य जिम्मेदार और संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के लिए अनुचित है और आने वाली पीढ़ियों को गुमराह करने वाला है।

आंदोलन की चेतावनी

ज्ञापन में स्पष्ट कहा गया कि एमएलएसयू की कुलपति प्रो. सुनीता मिश्रा को तुरंत कुलपति पद से बर्खास्त किया जाए और उनके खिलाफ धार्मिक भावनाओं को भड़काने तथा इतिहास से छेड़छाड़ करने के आरोप में कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन और व्यापक होगा। इस विवाद के चलते राजसमंद में युवा और सर्वसमाज का गुस्सा साफ दिखाई दिया। स्थानीय लोग इस मामले पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं और चेतावनी दी है कि उनका आंदोलन केवल चेतावनी नहीं बल्कि वास्तविक संघर्ष में बदल सकता है।