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11827 उप प्राचार्यों की अस्थायी वरिष्ठता सूची जारी,प्राचार्य पदों की डीपीसी की तैयारियां, 24 तक आपत्तियां आमंत्रित

शिक्षा विभाग में पिछले दो वर्षों से लंबित पदोन्नति प्रक्रियाओं में तेजी दिखाई देने लगी है।

DPC News
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राजसमंद. शिक्षा विभाग में पिछले दो वर्षों से लंबित पदोन्नति प्रक्रियाओं में तेजी दिखाई देने लगी है। वर्ष 2023-24 तथा 2024-25 के लिए 26 सितंबर 2025 को आयोजित विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) में चयनित 11,827 उप प्राचार्यों के यथास्थान कार्यग्रहण की जानकारी निदेशालय को मिलने के बाद शिक्षा निदेशक सीताराम जाट ने इनकी अस्थायी वरिष्ठता सूची जारी कर दी है। निदेशालय ने संबंधित सभी उप प्राचार्यों से 24 नवंबर तक आपत्तियां मांगी हैं। अधिकारियों को अपनी आपत्ति अपने-अपने मंडल के संभागीय संयुक्त निदेशक को निर्धारित तिथि तक देनी होगी। इसके बाद सभी संभागीय संयुक्त निदेशक अपने क्षेत्र की प्राप्त आपत्तियों का संकलन कर 28 नवंबर तक निदेशालय को भेजेंगे। तय प्रक्रिया पूरी होने के बाद विभाग स्थायी वरिष्ठता सूची जारी करेगा।

प्राचार्य पदों की डीपीसी की तैयारियां शुरू

अस्थायी वरिष्ठता जारी होते ही विभाग में चर्चाएं तेज हो गई हैं कि अब शिक्षा विभाग प्राचार्य पदों की आगामी डीपीसी की प्रक्रिया को भी आगे बढ़ाने जा रहा है। बड़ी संख्या में रिक्त पदों को देखते हुए इस डीपीसी को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

5,140 प्राचार्य पद रिक्त, पदोन्नति से ही होने हैं भराव

उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कुल 19,252 प्राचार्य पद स्वीकृत हैं, जिनमें से इस समय 5,140 पद रिक्त चल रहे हैं। यह सभी पद 100 प्रतिशत पदोन्नति के आधार पर भरे जाने हैं। उप प्राचार्यों की वर्तमान अस्थायी वरिष्ठता सूची जारी होने के बाद वर्ष 2025-26 की डीपीसी में इन रिक्त पदों को भरा जा सकता है, जिससे लंबे समय से रुकी पदोन्नति प्रक्रिया को गति मिलेगी।

व्याख्याता पदों की डीपीसी भी तीन वर्षों से लंबित

वरिष्ठ अध्यापकों से व्याख्याता पदों पर पदोन्नति की डीपीसी भी पिछले तीन वर्षों से लंबित है। राज्य के स्कूलों में विभिन्न विषयों के कुल 16,828 व्याख्याता पद रिक्त चल रहे हैं। यदि इन तीन वर्षों की लंबित डीपीसी आयोजित की जाती है तो उच्च कक्षाओं—विशेषकर 11वीं और 12वीं—में लंबे समय से व्याख्याताओं की कमी को काफी हद तक दूर किया जा सकेगा। विभाग ने अभी तक व्याख्याताओं की वरिष्ठता सूची जारी नहीं की है, जिसके कारण प्रक्रिया अधर में है।

क्या कहते हैं पदाधिकारियों

मोहरिसंह सलावद, प्रदेशाध्यक्ष, रेसटा, ने कहा—“वरिष्ठ अध्यापकों से व्याख्याता पदों की पिछले तीन वर्षों से लंबित डीपीसी शीघ्र कराई जाए, ताकि स्कूलों में 11वीं-12वीं के विद्यार्थियों को नियमित व्याख्याता मिल सकें।”