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CG News: नक्सल प्रभावित इलाकों में पहुंची बिजली, 21 गांवों में चमकी विकास की रोशनी, सुरक्षा बलों को भी मिली बड़ी राहत

CG News: महिलाओं के घरेलू कार्य और ग्रामीणों के छोटे व्यवसाय अब सबको एक नई ऊर्जा मिल रही है। बिजली पहुंच जाने से केवल ग्रामीणों को ही राहत नहीं मिली है बल्कि यहां कैंप में तैनात जवानों को भी अंधेरे से मुक्ति मिली है।

CG News: नक्सल प्रभावित इलाकों में पहुंची बिजली, 21 गांवों में चमकी विकास की रोशनी, सुरक्षा बलों को भी मिली बड़ी राहत
नक्सल प्रभावित इलाकों में पहुंची बिजली (Photo Patrika)

CG News: नक्सल प्रभावित मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले के लिए यह एक ऐतिहासिक पल है। दशकों की प्रतीक्षा, दुर्गम रास्ते और तमाम बाधाओं को पार करते हुए आखिरकार 21 गांवों तक बिजली पहुंच गई। जहां पहले घना अंधेरा था, अब वहां उम्मीद की रौशनी है। बिजली के आने से गांवों में उत्सव का माहौल है।

बच्चों की पढ़ाई से लेकर महिलाओं के घरेलू कार्य और ग्रामीणों के छोटे व्यवसाय अब सबको एक नई ऊर्जा मिल रही है। बिजली पहुंच जाने से केवल ग्रामीणों को ही राहत नहीं मिली है बल्कि यहां कैंप में तैनात जवानों को भी अंधेरे से मुक्ति मिली है। ग्रामीण भी चिमनी और कंडिल के सहारे रात गुजारने मजबूर थे पर अब विकास की चमक नजर आ रही है।

इन क्षेत्रों में लाइन बिछाना किसी चुनौती से कम नहीं था। घने जंगल, ऊंची पहाड़ियां और बहती नदियों ने काम को कई बार रोका, लेकिन बिजली विभाग की टीम ने दिन-रात मेहनत कर यह असंभव कार्य संभव कर दिखाया। कातूल झोरा, बोदरा, बड़े कट्टापार, पुगदा, संबलपुर, गट्टेगहन, बुकमरका, जालवाहि, आमाकोड़ो, पिटेमेटा, टाटेकसा, कुंडकाल, आमपायली, घोटिया कन्हार, राय मनहोरा, मुंदेली, अरस मेटा, नैन गुड़ा, कोहका टोला, केकड़े हुड़, कुंज कन्हार तक बिजली की लाइन पहुंचा दी गई है।

सुरक्षा बलों को भी इससे बड़ी राहत मिली

एसपी यशपाल सिंग ने बताया कि नक्सल मोर्चे पर यह एक बड़ा सामरिक बढ़त माना जा रहा है। पुलिस बल की निगरानी में इन पहाड़ों के बीच बिजली का पहुंचना, सिर्फ तार जोड़ना नहीं था, ये भरोसे की वो रेखा थी, जिसने इन गांवों को अंधेरे से उजाले की ओर खींच लिया। पिटेमेटा और संबलपुर जैसे नव स्थापित पुलिस बेस कैंप तक भी अब बिजली पहुंच चुकी है। इससे सुरक्षा बलों को रात के समय निगरानी, संचार व पेट्रोलिंग में उल्लेखनीय लाभ मिल रहा है।

विभागों की संयुक्त मेहनत

इस सफलता का श्रेय न केवल तकनीक को, बल्कि राज्य सरकार, जिला प्रशासन और बिजली विभाग की दूरदर्शिता और प्रतिबद्धता को भी जाता है। ग्रामीणों ने इनके प्रयासों की खुले दिल से सराहना की है। बुकमरका के रमेश कुमार व घोटिया कन्हार के रायसिंह ने बताया कि आजादी के बाद पहली बार यहां तक बिजली पहुंची है। पहले यहां सोलर सिस्टम से रोशनी की जा रही थी पर बारिश के दिनों में पूरा गांव अंधेरे में रहता था।

अभी तो शुरुआत है

ग्रामीण अब उम्मीद कर रहे हैं कि अगला कदम सड़कों, इंटरनेट, स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा व्यवस्था के सशक्तिकरण की ओर होगा। उनका कहना है कि अब उनका गांव भी ऽविकास की मुख्यधाराऽ से जुड़ चुका है।

विकास की रफ्तार बढ़ेगी

कलेक्टर तुलिका प्रजापति ने कहा कि मुख्यमंत्री मजराटोला विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत मानपुर विकासखंड के दुरस्त क्षेत्रों के कई गांव जो विद्युतीकरण से दूर थे, वहां बिजली पहुंची है। बिजली का पहुंचना मतलब विकास की रफ्तार बढ़ना है।

6 माह का संघर्ष

बिजली कंपनी के सहायक अभियंता एसके मिलिंद ने बताया कि इन गांवों तक बिजली लाइन पहुंचाना बड़ी चुनौती थी। घने जंगल और पहाड़ी क्षेत्र को पार करते हुए आगे बढ़े और लाइन का विस्तार किया गया। फॉरेस्ट से अनुमति ली गई थी।