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CG News: पीजी कोर्स बीच में छोड़ने वालों को नहीं देना होगा पेनल्टी, शिक्षा विभाग ने हटाया नियम

CG News: पीडियाट्रिक व बायो केमेस्ट्री की एक-एक छात्रा कोर्स बीच में ही छोड़कर चली गई हैं। कॉलेज ने उनका इस्तीफा भी स्वीकार कर लिया है। कोर्स छोड़ने का कारण छात्राओं ने व्यक्तिगत व वजन बढ़ने को बताया है।

CG News: पीजी कोर्स बीच में छोड़ने वालों को नहीं देना होगा पेनल्टी, शिक्षा विभाग ने हटाया नियम

CG News: पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में 2024 बैच की दो छात्राओं ने एमडी कोर्स बीच में ही छोड़कर चली गई हैं। उन्हें पेनल्टी के रूप में 20 से 25 लाख रुपए देने की भी जरूरत नहीं है, क्योंकि चिकित्सा शिक्षा विभाग ने पेनल्टी वाला प्रावधान ही हटा दिया। जबकि इस साल यह प्रावधान रखा है। दो छात्राओं के कोर्स छोड़ने से दूसरे छात्रों को नुकसान हुआ है, जो एडमिशन लेकर पढ़ाई कर सकते थे।

पीडियाट्रिक व बायो केमेस्ट्री की एक-एक छात्रा कोर्स बीच में ही छोड़कर चली गई हैं। कॉलेज ने उनका इस्तीफा भी स्वीकार कर लिया है। कोर्स छोड़ने का कारण छात्राओं ने व्यक्तिगत व वजन बढ़ने को बताया है। 2023 में भी पीडियाट्रिक की एक छात्रा ने पीजी की पढ़ाई छोड़ दी थी। उन्हें कॉलेज में 25 लाख रुपए पेनल्टी के रूप में जमा करना पड़ा था। मार्कशीट समेत ओरिजनल दस्तावेज नहीं देने पर छात्रा ने हाईकोर्ट में याचिका भी लगाई थी। तब हाईकोर्ट ने पेनल्टी जमा कर ओरिजनल दस्तावेज कॉलेज से लेने को कहा था। वहीं, पीएसएम की एक छात्रा ने दो साल बाद भी पेनल्टी जमा नहीं की है।

67 से 75 हजार रुपए हर माह स्टायपेंड: पीजी छात्रों को हर माह 67500 से लेकर 75 हजार रुपए स्टायपेंड दिया जाता है। इसमें कोई भी छात्र या छात्रा काउंसलिंग के बाद सीट नहीं छोड़ सकता। दरअसल, सीटें खाली होने से इसे दोबारा नहीं भरा जा सकता। इससे ये सीटें खाली ही चली जाती हैं। पीजी कोर्स बहुत महत्वपूर्ण है। इसे पास करने पर छात्र विशेषज्ञ डॉक्टर बनता है। एक-एक सीट के लिए मारामारी रहती है। वहीं, निजी कॉलेजों में एक साल की ट्यूशन फीस 8 से 10 लाख रुपए है। जबकि सरकारी में महज 20 हजार सालाना है। ऐसे में तीन साल के कोर्स की ट्यूशन फीस महज 60 हजार रुपए है। निजी व सरकारी कॉलेजों में स्टायपेंड समान दिया जाता है।

ब्रेकेज बॉन्ड के तहत कोर्स छोड़ने पर पेनल्टी पटाने का नियम है। पीडिया की छात्रा ने दावा किया था कि जब वह एडमिशन लिया, तब ब्रेकेज बॉन्ड का प्रावधान नहीं था। इसलिए उन्होंने पीजी सीट से इस्तीफा दिया है। ओडिशा की रहने वाली छात्रा ने पीडियाट्रिक फर्स्ट ईयर की सीट अचानक छोड़ दी थी। उन्होंने लंबी ड्यूटी के कारण नींद पूरी न होने व कई बातें पत्र में लिखीं थीं। उन्होंने ड्यूटी ज्यादा कराने का आरोप भी पत्र में लगाया था। डॉक्टरों की समझाइश भी काम नहीं आई और वह कॉलेज छोड़कर चली गई। विभाग के डॉक्टरों ने बताया कि छात्रा को पीडियाट्रिक जैसे विषय में रुचि ही नहीं थी। वह डर्मटोलॉजी विषय में पीजी करने की इच्छुक है। दरअसल पीडियाट्रिक विभाग में इमरजेंसी ड्यूटी भी करनी पड़ती है। ऐसे में छात्र-छात्राओं का ज्यादातर समय अस्पताल में ही बीतता है।

प्रावधान के अनुसार ब्रेकेज बॉन्ड के तहत पेनल्टी लेने का प्रावधान है, लेकिन 2024 में इसका प्रावधान नहीं था। इसलिए दोनों छात्राओं को पेनल्टी जमा करने को नहीं कहा गया।

  • डॉ. विवेक चौधरी, डीन, नेहरू मेडिकल कॉलेज