Patrika Logo
Switch to English
मेरी खबर

मेरी खबर

प्लस

प्लस

शॉर्ट्स

शॉर्ट्स

ई-पेपर

ई-पेपर

MBBS-BDS काउंसलिंग में गड़बड़ी! बैंक ने 250 छात्रों की सुरक्षा राशि रोकी, DMI ने मैनेजर को तलब किया…

MBBS-BDS Counselling: रायपुर में सत्र 2024-25 की एमबीबीएस-बीडीएस काउंसलिंग में शामिल हुए 250 से ज्यादा विद्यार्थियों के दो करोड़ रुपए अब तक नहीं मिले हैं।

MBBS-BDS काउंसलिंग में गड़बड़ी! बैंक ने 250 छात्रों की सुरक्षा राशि रोकी, DMI ने मैनेजर को तलब किया...(photo-patrika)
MBBS-BDS काउंसलिंग में गड़बड़ी! बैंक ने 250 छात्रों की सुरक्षा राशि रोकी, DMI ने मैनेजर को तलब किया...(photo-patrika)

MBBS-BDS Counselling: छत्तीसगढ़ के रायपुर में सत्र 2024-25 की एमबीबीएस-बीडीएस काउंसलिंग में शामिल हुए 250 से ज्यादा विद्यार्थियों के दो करोड़ रुपए अब तक नहीं मिले हैं। इसमें निजी बैंक की लापरवाही सामने आई है। बैंक तकनीकी कारण बताकर छात्रों को पैसे लौटाने में देरी कर रहा है। छात्रों की लगातार शिकायतों के बाद डीएमई ने बैंक मैनेजर को तलब कर फीस जल्द लौटाने को कहा था।

MBBS-BDS Counselling: एमबीबीएस-बीडीएस काउंसलिंग

बैंक मैनेजर का दावा था कि पिछले साल कांउसलिंग कराने वाली एजेंसी ने विद्यार्थियों की डिटेल देरी दी। इस कारण फीस वापसी में देरी हो रही है। डीएमई को उन्होंने ये भी बताया कि डेटा 6 माह में स्वत: ही डिलीट हो जाता है। ऐसी कई तकनीकी कारणों से फीस वापसी में देरी हो रही है। बता दें कि जो विद्यार्थी काउंसलिंग में शामिल होते हैं, लेकिन कोई सीट नहीं मिलती, उनकी सुरक्षा निधि की राशि लौटाने का नियम है। ये यही राशि है, जिसे बैंक लौटाने में देरी कर रही है।

2024 में काउंसलिंग में शामिल हुए 5184 विद्यार्थियों के 21 करोड़ 86 लाख 75 हजार रुपए निजी बैंक द्वारा लौटाने थे। जून 2024 तक आधे ही विद्यार्थियों को रिफंड किया गया। जुलाई 2025 तक 500 से ज्यादा विद्यार्थियों की फीस बाकी थी। कई विद्यार्थियों ने डीएमई डॉ. यूएस पैकरा से मिलकर बैंक के रवैये की शिकायत की।

शिकायत के बाद डीएमई ने बैंक मैनेजर को किया तलब

उन्होंने बताया कि उनके एक-एक लाख रुपए अब नहीं लौटाए गए हैं। कुछ विद्यार्थियों के 5 से 10 हजार रुपए बाकी थे। ऐसे में डीएमई ने बैंक मैनेजर को तलब कर फीस वापसी में देरी का कारण पूछा। मैनेजर ने फीस में देरी का ठीकरा एनआईसी पर फोड़ दिया।

हालांकि एनआईसी के अधिकारियों का दावा है कि समय पर डीएमई कार्यालय को विद्यार्थियों का पूरा ब्यौरा दे दिया गया था। डीएमई ने भी इस साल जनवरी में सभी डिटेल बैंक को भेज दी थी। इसके बाद बैंक ऑडिट ऑप्शन, बैंक खातों की अधूरी जानकारी या कुछ पेमेंट क्रेडिट कार्ड से होने का हवाला देकर फीस लौटाने में देरी करता रहा।

विद्यार्थियों की परेशानी को देखते हुए डीएमई ने इस साल 26 जून को एक गूगल लिंक जारी की था, जिसमें फीस वापस नहीं मिलने वाले विद्यार्थियों को पूरा डिटेल देने को कहा गया था। इसके बाद कई विद्यार्थियों ने निजी बैंक की शिकायत करते अपनी पूरी डिटेल दी।