
प्रेम की क्या परिभाषा है? पत्रिका के सवाल पर सिंगर कैलाश खेर ने दिया जवाब ( Photo - Patrika )
Kailash Kher Interview: जब हम अपने धर्म में होते है तो धर्म ही प्रेम है, भक्ति है, आस्था है और वही हमारी श्रद्धा। यदि हम अपने कर्तव्यों में रहेंगे तो इस धरती पर प्रेम पनपेगा, चालाकी नहीं पलपेगी। ( CG News ) आज के युग में शक्ल प्रेम की है। लोग पत्र भी लिख रहे हैं लोग। वॉट्सएप पर भी एक से एक मैसेज भेजते हैं। 90% जिंदगी मनुष्य झूठ बोलकर जी रहे हैं पर कुछ पगले हैं, दीवाने हैं जो बेबाकी से जीना चाहते हैं।
आबादियों में दहशत का भी मंजर आएगा। गुजरोगे शहर से तो मेरा घर भी आएगा। दैर-ओ-हरम के वाब उड़ाते चले चलो तुम जिसकी खोज में हो वो दर भी आएगा। अपने-अपने कर्तव्यों में यदि आप रहे तो प्रेम है, वर्ना सब ढकोसला। जाने-माने गायक कैलाश खैर ने यह बातें पत्रिका के सवाल आपके लिए प्रेम की क्या परिभाषा है? पर कही।
पॉलिटिक्स ज्वाइन के सवाल पर बोले, यह सब समय समय का खेल है। कितने लोग ऐसे हैं जिन्हें पद भी मिल जाता है परंतु वह जागते नहीं और कितने लोग ऐसे हैं जो बिना पद के भी जागे हुए हैं। मैं कह रहा हूं आपको टिकट मिले या ना मिले इस पृथ्वी पर जिंदगी मिल गई यही बहुत बड़ा टिकट है। आपको लगता है टिकट मिल जाएगा तो जिंदगी बहुत अच्छी हो जाएगी पर टिकट मिलते ही जिंदगी और कांटे में फंस जाएगी। भगवान ने आपको जितना दिया या जहां आप हैं।
छत्तीसगढ़ की राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त फिल्म भूलन द मेज का टाइटल ट्रैक मैंने गाया था। गाने तो हम काफी गा रहे हैं। अलग- अलग भाषाओं के भी गा रहे हैं परंतु छत्तीसगढ़िया फिल्म में जो हमने गाया उस गाने के बोल कुछ इस तरह के थे मैं एक पांव पर स्वयं कूद-कूद कर गा रहा था।
यूनिक कहने से नहीं होता यूनिक करने से होता है। उन्नतिशील देश नहीं होता धन के भरे खजानों से, उन्नति शील देश नहीं होता टैंक, तोप, विमानों से। उन्नतिशील देश होता है उन्नति शील नौजवानों से।
Updated on:
06 Nov 2025 01:18 pm
Published on:
06 Nov 2025 01:17 pm
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