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IIM रायपुर में DGP–IG कॉन्फ्रेंस! PM मोदी ने कहा- अपराध की बदलती प्रवृत्ति के साथ पुलिसिंग भी बदले…

DGP–IG Conference: पीएम ने कहा, देश में जिस तरह से अपराध की प्रवृत्ति तेजी से बदल रही है, उसी के अनुरूप अब हमें देश की पुलिसिंग में भी बदलाव करने की जरूरत है।

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IIM रायपुर में DGP–IG कॉन्फ्रेंस! PM मोदी ने कहा- अपराध की बदलती प्रवृत्ति के साथ पुलिसिंग भी बदले...(photo-patrika)

IIM रायपुर में DGP–IG कॉन्फ्रेंस! PM मोदी ने कहा- अपराध की बदलती प्रवृत्ति के साथ पुलिसिंग भी बदले...(photo-patrika)

DGP–IG Conference: छत्तीसगढ़ के रायपुर में भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) में चल रही 60वीं पुलिस महानिदेशक-महानिरीक्षक (डीजीपी-आईजी) कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विशेष उपस्थिति में नक्सलवाद, आतंकवाद, घुसपैठ, नारकोटिक्स जैसे मुद्दों पर 12 घंटे से अधिक मैराथन बैठक हुई, इसमें पीएम ने कहा, देश में जिस तरह से अपराध की प्रवृत्ति तेजी से बदल रही है, उसी के अनुरूप अब हमें देश की पुलिसिंग में भी बदलाव करने की जरूरत है।

DGP–IG Conference: नई चुनौतियों के लिए नई पुलिसिंग की जरूरत

बैठक में देशभर से पहुंचे पुलिस महानिदेशकों ने विभिन्न मुद्दों पर प्रधानमंत्री के सामने अपना प्रजेंटेशन दिया। संबंधित अधिकारियों ने काउंटर टेरेरिज्म, काउंटर इंटेलिजेंस, साइबर सिक्योरिटी जैसे मुद्दों पर भी प्रजेंटेशन में वस्तुस्थिति प्रधानमंत्री और गृहमंत्री अमित शाह के समक्ष रखी। इटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के उत्कृष्ट सेवा देने वालों को सम्मानित भी किया गया। सम्मलेन के दूसरे दिन गत वर्ष हुए 59वें सम्मलेन में पारित निर्णयों की समीक्षा हुई।

उनकी पालना की स्थिति भी जानी गई। सत्र के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने गंभीर मुद्दों पर संवाद भी किया। सम्मेलन में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के प्रमुख तपन डेका भी शामिल हुए। शनिवार को बैठक की शुरुआत करीब सुबह 8.30 बजे से हुई। सुबह 9 बजे प्रेजेंटेशन का सिलसिला शुरू हुआ।

पीएम मोदी और अमित शाह रहे मौजूद

बैठक में सबसे पहले केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह पहुंचे। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सुबह 9.30 बजे कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए। दूसरे दिन चार सेशन हुए। इस दौरान नवा रायपुर के चप्पे-चप्पे पर पुलिस के जवानों का तैनात किया गया था। प्रधानमंत्री के काफिले के आने से आधा घंटे पहले प्रमुख मार्गों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई थी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर डीजीपी-आईजी कॉन्फ्रेंस की फोटो साझा की है। साथ ही लिखा है, रायपुर में आयोजित डीजीपी-आईजीपी सम्मेलन में भारत की सुरक्षा व्यवस्था के विभिन्न पहलुओं पर व्यापक विचार-विमर्श हुआ। यह इस क्षेत्र में सर्वोत्तम प्रथाओं और नवाचारों को साझा करने का एक बेहतरीन मंच है।

मादक पदार्थों की तस्करी रोकने समन्वय जरूरी

कॉ न्फ्रेंस के दूसरे दिन विदेशों से आने वाले मादक पदार्थों की तस्करी को लेकर भी चर्चा हुई। इस मुद्दे पर पंजाब और राजस्थान के डीजीपी ने प्रजेंटेशन के जरिए अपनी बात रखी। साथ ही बताया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय गिरोह के लोग स्थानीय नेटवर्क के जरिए मादक पदार्थों की तस्करी कर रहे हैं।

इसका जखीरा उतरने के बाद दूसरे राज्यों में भेजे जाने की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस प्रयास और कोऑर्डिनेशन की जरूरत है। इसके लिए अंतरराज्यीय स्तर पर संयुक्त यूनिट बनाने की बात कही गई। वहीं पश्चिम बंगाल के डीजीपी ने घुसपैठ की समस्या को प्रमुखता से उठाते हुए कहा कि बांग्लादेश से विभिन्न रास्तों के जरिए इस तरह की घटनाएं हो रही हैं। हालांकि पकडे़ गए लोगों को वापस भेजने की व्यवस्था की गई है। इस समस्या को रोकने के लिए पुख्ता व्यवस्था की जरूरत पर बल दिया गया।

डीजीपी अरुण ने कहा- सिमट रहा नक्सलियों का कुनबा

छत्तीसगढ़ के डीजीपी अरुण देव गौतम ने बताया कि पिछले दो साल में नक्सलवाद लगातार सिमटता जा रहा है। इस समय बस्तर के तीन जिले बीजापुर, सुकमा और नारायणपुर के अबूझमाढ़ के कुछ इलाकों में नक्सली सक्रिय हैं। हालांकि फोर्स के लगातार ऑपरेशन चलाने के कारण वे बैकफुट पर आ गए हैं।

मुठभेड़ में मारे और पकडे़ जाने के डर से नक्सली लगातार सरेंडर कर रहे हैं। टॉप लीडरों के मारे जाने और सरेंडर करने के बाद से स्थिति यह है कि 31 मार्च से पहले नक्सली समस्या पूरी तरह से समाप्त हो जाएगी।

12 घंटे की मैराथन बैठक

उन्होंने साइबर अपराध और निपटने के लिए संसाधनों की जरूरत बताते हुए कहा कि साइबर से निपटने के लिए अत्याधुनिक संसाधनों की जरूरत है। सम्मेलन में पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र, तेलंगाना और ओडिशा के डीजीपी ने भी बताया कि सीमांत इलाकों में नक्सली सक्रिय हैं। उनसे निपटने के लिए फोर्स सक्षम है।

साथ ही कहा कि अपराध नियंत्रण में सतत प्रक्रिया है उसे निपटाने के लिए और राज्य पुलिस को और मजबूत बनाने की जरूरत है। मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए संयुक्त यूनिट बनाने और अंतर राज्य और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गिरोह को समाप्त करने के लिए विस्तृत रणनीति बनाने पर जोर दिया।