
आईएसआईएस से जुडे़ भिलाई के 4 नाबालिग पकड़े गए, पाकिस्तान से मिल रही थी ट्रेनिंग(photo-patrika)
पुलिस को आखिरकार पांच माह बाद कामयाबी मिल गई। पुलिस की टीम किराएदार बनकर हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र सिंह तोमर के पास पहुंची और उसे गिरफ्तार कर लिया। मध्यप्रदेश के ग्वालियर के एक फ्लैट में वीरेंद्र रह रहा था। वीरेंद्र और उसका भाई रोहित तोमर आदतन बदमाश हैं।
हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र और उसके भाई रोहित तोमर के खिलाफ अलग-अलग थानों में दर्जन भर से अधिक केस दर्ज हैं। हत्या, अपहरण, वसूली, ब्लैकमेलिंग, गुंडागर्दी जैसे कई मामलों में शामिल थे। हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र और उसके भाई रोहित तोमर का सूदखोरी का गोरखधंधा था। ब्याज के नाम पर कई लोगों से लाखों रुपए वसूल चुके हैं। पीडि़तों की शिकायत पर जून माह में एफआईआर दर्ज हुई थी। इसके बाद 5 माह से दोनों फरार चल रहे थे। वीरेंद्र पकड़ा गया है, लेकिन रोहित अब तक फरार है।
आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने इनाम घोषित कर रखा था और संपत्ति कुर्क भी की। इसके बाद भी आरोपियों ने सरेंडर नहीं किया। कुछ दिन पहले ही दोनों की अग्रिम जमानत याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। इसके बाद से पुलिस ने दोनों की तलाश तेज कर दी थी।
आरोपियों के घर पर नगर निगम बुलडोजर चलवा चुका है। आरोपियों ने करीब एक हजार वर्गफुट जमीन पर अवैध निर्माण करवा रखा था। इसकी जांच के बाद निगम की टीम ने बुलडोजर से अवैध निर्माण को ढहा दिया गया। रायपुर में किसी आरोपी के घर में बुलडोजर चलाने की यह पहली कार्रवाई थी।
Published on:
09 Nov 2025 01:10 am
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