CG News: छत्तीसगढ़ के रायपुर में सरकारी धन का सदुयोग भले हो न हो, लेकिन दुरुपयोग के लिए कई योजनाएं तैयार रहती हैं। ऐसा ही एक उदाहरण गुरुवार को सामने आया, जब जिला प्रशासन की ओर मॉकड्रिल का आयोजन करवाया गया। बारिश का सीजन अब लगभग खत्म हो गया है। ऐसे में बाढ़ जैसी आपदा से बचने मॉकड्रिल का आयोजन कराया गया।
बड़ी संख्या में एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, जिला प्रशासन और पुलिसबल ने इसमें हिस्सा लिया। इसमें लाखों रुपए खर्च हो गए। बाढ़ जैसी आपदा से बचने के लिए बारिश से पहले मॉकड्रिल कराया जाता, तो ज्यादा उपयोगी होता। अब जब बारिश का सीजन ही खत्म होने वाला है, तब ऐसी राज्यस्तरीय मॉकड्रिल को सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग ही माना जा रहा है।
तेज बारिश से निसदा डैम में काफी पानी जमा हो गया। आसपास के इलाकों को बाढ़ से बचाने के लिए अचानक डैम के 12 गेट खोलने पड़े। इससे बांध के नीचे वाले इलाके में बसे गांव में पानी भर गया। ग्रामीण मदद की गुहार लगाने लगे। लोगों की चीख-पुकार मचने लगी। इसकी सूचना पर जिला प्रशासन, एसडीआरएफ, पुलिस के साथ ही अन्य विभाग भी अलर्ट हुए। तत्काल ग्रामीणों की मदद के लिए टीम मौके पर पहुंची। एसडीआरएफ की टीम ने तेज बहाव में फंसे लोगों और मवेशियों का रेस्क्यू किया।
उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। कुछ लोगों को सीपीआर देने की जरूरत पड़ी। इसके बाद तत्काल पीड़ितों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस आपदा से निपटने के लिए पूरी टीम ने मिनट दर मिनट आपदा प्रोटोकॉल का पालन किया। कई लोगों की जान बच गई। दरअसल, यह एक मॉकड्रिल था।
इसमें राजस्व, एसडीआरएफ, सिंचाई, पीडब्ल्यूडी, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, बिजली, पीएचई, महिला बाल विकास, जनपद आदि के अधिकारियों-कर्मचारियों ने हिस्सा लिया। इसका वरिष्ठ सलाहकार सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर रवींद्र गुरंग और एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडेट पवन जोशी ने निरीक्षण किया
ग्रामीणों ने मवेशियों के बाढ़ में फंसे होने की जानकारी दी। इसके बाद रेस्क्यू टीम के सदस्य रस्सी की मदद से ऊपर पहुंचे और बकरियों व मवेशियों को बोट के माध्यम से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। इसी तरह बाढ़ में फंसे एक बुजुर्ग और बच्चे को भी बचाया गया। प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें रेस्क्यू सेंटर पहुंचाया गया। इस तरह रेस्क्यू टीम ने ग्रामीणों को बाढ़ से बचाया। उन्हें रिलीफ कैंप तक पहुंचाया।
मॉकड्रिल नवा रायपुर के सेंध तालाब में किया गया। स्टेडियम के एक भाग को भी इसमें शामिल किया गया। इसमें बड़ी संया में कर्मचारियों-अधिकारियों, एंबुलेंस व अन्य वाहनों को लगाया गया।
Updated on:
26 Sept 2025 10:47 am
Published on:
26 Sept 2025 10:29 am