
CG Liquor Scam: छत्तीसगढ़ प्रदेश में हुए 3200 करोड़ का शराब घोटाला तत्कालीन आयुक्त एवं सचिव (आबकारी) निरंजन दास के संरक्षण में हुआ। करीब 3 साल तक पदस्थापना के दौरान आबकारी नीति और अधिनियम में फेरबदल कर किया गया। टेंडर शर्तो में हेराफेरी कर जानबूझकर गड़बड़ी की गई। यह सब अवैध वसूली करने और विशेष व्यक्तियों को लाभ पहुंचाने के लिए किया गया।
इसके एवज में हर महीने निरंजन दास को 50 लाख रुपए मिलते थे। अब तक की जांच में 16 करोड़ रुपए की अवैध कमाई करने की जानकारी मिली है। आगे की विवेचना में इस राशि के और अधिक होने की संभावना है। इसे स्वंय और परिजनों के नाम पर विभिन्न अचल संपत्तियों में निवेश किए जाने के साक्ष्य मिले हैं। इसकी जांच चल रही है। इस खेल में अवैध वसूली करने के लिए गठित आबकारी विभाग में सक्रिय सिंडिकेट में शामिल पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा और अनवर ढेबर का संरक्षण था।
ईओडब्ल्यू ने विशेष न्यायाधीश की अदालत में निरंजन दास सहित नितेश पुरोहित उसके पुत्र यश पुरोहित, अतुल सिंह एवं मुकेश मनचंदा और दीपेन चावड़ा के खिलाफ 90वें दिन बुधवार को 6300 पन्नों का 7वां पूरक चालान पेश किया। इसमें बताया गया है कि किस तरह से विभाग के प्रमुख निरंजन की घोटाले में भूमिका रही है। अवैध वसूली और हेराफेरी की जानकारी होने के बाद भी आंख बंद करके बैठ रहे।
शराब घोेटाले में जेल भेजे गए उक्त सभी आरोपियों को चालान पेश किए जाने के दौरान किसी भी आरोपी को कोर्ट में पेश नहीं किया गया। पूरे मामले की सुनवाई के दौरान आरोपियों को वीसी के जरिए उपस्थिति दर्ज कराई गई। इस प्रकरण की अगली सुनवाई 8 जनवरी 2026 को होगी। बता दें कि इस घोटाले में ईओडब्ल्यू की ओर से अब तक कुल 50 आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में चालान पेश किया जा चुका है। वहीं अब भी प्रकरण की जांच की रही है।
Updated on:
27 Nov 2025 08:20 am
Published on:
27 Nov 2025 08:18 am

